CBSE ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- सितंबर के अंत तक 10वीं और 12वीं के कम्पार्टमेंट की परीक्षा होने की संभावना
By रामदीप मिश्रा | Published: September 4, 2020 12:53 PM2020-09-04T12:53:52+5:302020-09-04T12:55:09+5:30
इस वर्ष 10वीं कक्षा में कुल 91.46 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए, जबकि 2019 में 91.10 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए थे। यानी, पिछले साल की तुलना में इस साल 0.36 प्रतिशत अधिक छात्र उत्तीर्ण हुए।
नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सितंबर अंत तक 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए कम्पार्टमेंट परीक्षा आयोजित करने की संभावना है और परीक्षा केंद्रों को बढ़ाकर 1,278 कर दिया गया है। आपको बता दें, बोर्ड ने 15 जुलाई को 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम घोषित किए थे।
10वीं की परीक्षा में लड़कियों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत लड़कों की तुलना में 3.17 प्रतिशत अधिक रहा था और कुल 91.46 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए थे। 10वीं कक्षा में क्षेत्रवार त्रिवेंद्रम क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। सीबीएसई ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष मेधा (मेरिट) सूची जारी नहीं करने का निर्णय लिया था।
Central Board of Secondary Education (CBSE) tells Supreme Court that it is likely to conduct compartment examination for students of Classes 10 & 12 by September end & examination centres have been increased to 1,278. pic.twitter.com/enqrH7g32m
— ANI (@ANI) September 4, 2020
बोर्ड ने 'फेल' के स्थान पर 'आवश्यक पुनरावृत्ति' शब्दावली का उपयोग किया। इस वर्ष 10वीं कक्षा में कुल 91.46 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए, जबकि 2019 में 91.10 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए थे। यानी, पिछले साल की तुलना में इस साल 0.36 प्रतिशत अधिक छात्र उत्तीर्ण हुए। इस साल लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 93.31 रहा, जबकि लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 90.14 रहा। ट्रांसजेंडर का उत्तीर्ण प्रतिशत 78.95 रहा ।
इस वर्ष 20,387 स्कूलों में 5377 परीक्षा केंद्रों पर 10वीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। इसमें 18,85,881 छात्रों ने परीक्षा देने के लिए पंजीकरण कराया था और 18,73,015 छात्र परीक्षा में बैठे थे। इनमें से 91.46 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। सीबीएसई को 10वीं कक्षा की परीक्षा के आयोजन के दौरान कोविड-19 महामारी के तेजी से फैलने के कारण 19 से 31 मार्च को नियत परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थीं।