CBSE का निर्देश-निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर लगे रोक, शिक्षकों को वेतन नहीं देने वाले संस्थानों पर हो कार्रवाई

By एसके गुप्ता | Published: April 19, 2020 06:52 AM2020-04-19T06:52:44+5:302020-04-19T06:56:11+5:30

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखिरयाल 'निशंक' ने भी निजी स्कूलों से कहा है कि वे सालाना फीस बढ़ाने और तीन महीने की फीस एक साथ लेने की मांग पर फिर से सोचें. इसके लिए निशंक ने एक ट्वीट भी किया है, जिसमें कहा कि मुझे आशा है कि राज्य के शिक्षा विभाग अभिभावकों और स्कूलों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए शुल्क के मुद्दे को सुलझाएंगे.

CBSE directive - ban on fees increase in private schools, action should be taken against institutions that do not pay teachers | CBSE का निर्देश-निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर लगे रोक, शिक्षकों को वेतन नहीं देने वाले संस्थानों पर हो कार्रवाई

सीबीएसई ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अतिरिक्त सचिव, प्रधान सचिव और शिक्षा सचिव को इस संबंध में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

HighlightsCBSE ने बढ़ाई गई फीस को वापस लेने और शिक्षकों का वेतन रोकने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिएस्कूलों को निर्देश दिए-निजी स्कूल फीस न बढ़ाएं और अभिभावकों पर लॉकडाउन के दौरान फीस भरने का दबाव न बनाएं.

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी राज्यों को निजी और अनएडेड स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस को वापस लेने और शिक्षकों का वेतन रोकने वाले संस्थानों के खिलाफ एफिलिएशन बायलॉज के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने सभी राज्यों के प्रधान सचिव और शिक्षा सचिव को भेजे पत्र में लिखा है कि देश कोरोना महामारी जैसी आपात परिस्थिति से गुजर रहा है. ऐसे में राज्य अपने यहां के स्कूलों को निर्देश जारी करे कि निजी स्कूल फीस न बढ़ाएं और अभिभावकों पर लॉकडाउन के दौरान फीस भरने का दबाव न बनाएं.

राज्यों से कहा गया है कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए निर्देश नहीं मानने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करे और इसकी रिपोर्ट बोर्ड को भेजे. जिससे बोर्ड इन कार्रवाई से शिक्षक और अभिभावकों को अवगत करा सके. बोर्ड के सचिव ने कहा है कि सीबीएसई के एफिलिएशन बायलॉज के क्लॉज 7.2 और 7.3 में स्कूलों द्वारा फीस निर्धारित करने और उसे बढ़ाने की संस्तुति राज्य सरकार को दी गई है. ऐसा देखने में आ रहा है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों द्वारा अभिभावकों से बढ़ाकर तिमाही फीस और एनुएल चार्ज मांगा जा रहा है. वह भी ऐसे समय में जब पूरा विश्व एक महामारी से जूझ रहा है और हमारा देश भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में निजी और एनएडेड स्कूलों की ओर से फीस बढ़ोत्तरी या तिमाही फीस की मांग करना गलत है.

इसके अलावा स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की सैलेरी रोकने की भी शिकायतें आ रही हैं. स्कूलों की ओर से किया जाने वाला ऐसा आचरण गलत है. सीबीएसई ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अतिरिक्त सचिव, प्रधान सचिव और शिक्षा सचिव को इस संबंध में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीबीएसई का कहना है कि ऐसे स्कूलों का एफिलिएशन रद्द करने से लेकर उनका प्रबंधन अपने अधिकार में लेने की शक्ति राज्यों के पास है. इसलिए उन्हें कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखिरयाल 'निशंक' ने भी निजी स्कूलों से कहा है कि वे सालाना फीस बढ़ाने और तीन महीने की फीस एक साथ लेने की मांग पर फिर से सोचें. इसके लिए निशंक ने एक ट्वीट भी किया है, जिसमें कहा कि मुझे आशा है कि राज्य के शिक्षा विभाग अभिभावकों और स्कूलों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए शुल्क के मुद्दे को सुलझाएंगे.

Web Title: CBSE directive - ban on fees increase in private schools, action should be taken against institutions that do not pay teachers

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