'NEXT' की परीक्षा पास करने के बाद डॉक्टरों को मिलेगा प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस, NEET-PG के लिए नहीं देना होगा अलग से एग्जाम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 18, 2019 01:53 PM2019-07-18T13:53:35+5:302019-07-18T14:53:29+5:30
इस विधेयक के अंतर्गत एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद अभ्यार्थियों अंतिम वर्ष में एक कॉमन परीक्षा नेशनल एग्जिट टेस्ट (NEXT) का प्रवाधान किया गया है। इस परीक्षा को पास करने के बाद डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस मिलेगा।
एमबीबीएस कोर्स के बाद डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस के लाइसेंस के लिए अब नेशनल एक्जिट टेस्ट (NEXT) की परीक्षा से गुजरना होगा। इस टेस्ट को पास करने के बाद ही उन्हें मेडिकल प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस मिलेगा।
दरअसल, डॉक्टरों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (17 जुलाई) को ही नए नेशनल मेडिकर कमीशन विधेयक 2019 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक मेडिकल शिक्षा नियामक मेडिकल काउंसलिंग की जगह लेगा।
इस विधेयक के अंतर्गत एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद अभ्यार्थियों अंतिम वर्ष में एक कॉमन परीक्षा नेशनल एग्जिट टेस्ट (NEXT) का प्रवाधान किया गया है। इस परीक्षा को पास करने के बाद डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस मिलेगा। इसके अलावा नेशनल एग्जिट टेस्ट में मिले अंक के आधार पर ही अभ्यार्थियों को पीजी में एडमिशन मिलेगा। यानी इस तरह एमबीबीएस की अंतिम परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए एक अलग से परीक्षा में नहीं बैठना होगा।
वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए अलग से परीक्षा पास करना अनिवार्य रहेगा। इसके साथ ही नीट-सुपर स्पेशलिटी भी जारी रहेगा जो डीएम/एमसीएच पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है।
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सा क्षेत्र में पीजी में प्रवेश के लिए मेडिकल छात्रों को राहत देते हुए ‘नीट’ को खत्म करने का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि एमडी और एमएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा ही काफी होगी।
इस विधेयक में प्राइवेट या डीम्ड मेडिकल कॉलेजों की 50 प्रतिशत सीटो पर सरकार फीस निर्धारित करेगी। इसके अलावा इस विधेयकर में चार स्वायत्त बोर्ड अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड, पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड, मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड और एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड होंगे।