महिलाओं पर बढ़ते अपराध पर महिला संगठनों ने निकाला मार्च, की सुरक्षा की मांग
By एस पी सिन्हा | Published: July 20, 2018 06:37 PM2018-07-20T18:37:52+5:302018-07-20T18:37:52+5:30
महिलाओं के खिलाफ बढ रही हिंसा और अत्याचार के विरोध में बिहार के विभिन्न महिला संगठनों ने आज विरोध मार्च निकालकर काला दिवस मनाया।
पटना,20 जुलाई। महिलाओं के खिलाफ बढ रही हिंसा और अत्याचार के विरोध में बिहार के विभिन्न महिला संगठनों ने आज विरोध मार्च निकालकर काला दिवस मनाया। मार्च में शामिल सैकडों महिलाएं काला दुपट्टा, काला कपडा और काले छाते लेकर सडक पर उतरीं और पटना के मुख्य केन्द्र डाकबंगला चौराहे को तकरीबन 1 घंटे तक जाम रखा। इस दौरान महिलाओं ने सरकार से सुरक्षा की मांग की साथ ही दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की।
यहां बता दें कि हालिया दिनों में बिहार में भी महिलाओं के खिलाफ आपराधिक वारदातों में बढोतरी हुई है। बलात्कार और सरकारी संरक्षण में रहने वाली बाल गृहों की लडकियों के साथ छेडखानी और यौन हिंसा की मामले भी बढे हैं। इसी को लेकर महिला संगठनों ने राजधानी की सडकों पर हल्ला बोला। राजधानी पटना की सडकों पर विभिन्न महिला संगठनों ने काला दिवस मनाते हुए सैकडों की तादाद में प्रदर्शन किया।
पटना रेडियो स्टेशन से डाक बंगला तक इन लोगों ने हाथों में काला दुपट्टा और काले कपड़े लेकर प्रदर्शन किया। इन महिलाओं का कहना था कि तमाम महिलाएं मुख्यमंत्री को काले कपडे और दुपट्टा भेंट करेंगीं। उनके राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, मुजफ्फरपुर बाल सुधार गृह इसका जीता जाता उदाहरण है।
वहीं, इनके द्वारा किये जा रहे हंगामे और जाम को छुडाने व प्रदर्शनकारियों को मनाने में पुलिस के पसीने छूट गए। महिला संगठनों ने साफ तौर पर मांग की है कि अगर महिला हिंसा कम नहीं होगा तो मुख्यमंत्री नीतीश इस्तीफा दें। डाकबंगला चौराहे पर यात्रियों और महिलाओं में नोंकझोंक भी हुई। प्रदर्शन कर रही एक महिालाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमलोगों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय दिया और इसके बावजूद हमारी समस्याएं नहीं सुनी जाती है तो हमलोग फिर आंदोलन करेंगे। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। तीन साल से पांच साल की महिलाओं से साथ रेप और गैंगरेप की घटनाएं हो रही है जो काफी चिंता का विषय है।