विकास दुबे की गिरफ्तारी पर मां ने कहा, बेटे को 'महाकाल' ने बचाया, कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कही ये बात
By पल्लवी कुमारी | Published: July 9, 2020 12:26 PM2020-07-09T12:26:34+5:302020-07-09T12:26:34+5:30
उत्तर प्रदेश के कानपुर शूटआउट में 8 पुलिसकर्मियों का मुख्य आरोपी विकास दुबे को आज (9 जुलाई) सुबह 9 बजे के आस-पास उज्जैन स्थित महाकाल के मंदिर से गिरफ्तार किया गया। जल्द ही मध्य प्रदेश पुलिस, विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपेगी।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मी का हत्यारा विकास दुबेमध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है। विकास दुबे की गिरफ्तारी पर मां सरला देवी ने कहा है कि उसके बेटे को 'महाकाल' ने बचाा है। विकास दुबे पर आगे क्या कार्रवाई की जाए...इसपर मां सरला देवी ने कहा अब सरकार को जो ठीक लगेगा वह करेगी, उनके कहने से कुछ नहीं होगा। विकास दुबे की गिरफ्तारी पर मां सरला देवी बोली, वो (विकास दुबे) उज्जैन के महाकाल मंदिर में हर साल सावन में दर्शन के लिए जाता था। सरकार जो उचित समझे वो करे, मेरे कहने से कुछ नहीं होगा। मां ने यह भी बताया कि विकास दुबे का ससुराल मध्य प्रदेश में है। वह वहीं था।
His (Vikas Dubey's) in-laws are in Madhya Pradesh. He visits Ujjain Mahakal Temple every year. It doesn't matter what I say, govt is going to do what is appropriate: Sarla Devi, mother of Vikas Dubey, after his arrest in Ujjain earlier today pic.twitter.com/NADRNf6X5L
— ANI UP (@ANINewsUP) July 9, 2020
विकास की मां कानपुर शूटआउट के बाद बयान दिया था कि उनके बेटे का एनकाउंटर भी कर दिया जाए तो कोई गम नहीं। मां ने मीडिया से बात करते हुए पहले कहा था कि बेटे ने अगर पुलिसवालों की जान ली है तो बेटे का एनकाउंटर होना चाहिए। अब जब विकास की गिरफ्तारी हो गई है तो उसकी मां कह रही है कि बेटे को हाकाल ने बचा लिया।
जानें कैसे पकड़ा गया कानपुर शूटआउट का आरोपी विकास दुबे
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि एनकाउंटर में मारे जाने के डर से विकास दुबे सरेंडर करना चाहता था। इसी वजह से मंदिर में पहुंचने के बाद उसने अपनी पहचान खुद ही बताई। वह लोगों से कहने लगा कि वह विकास दुबे है। उसने महाकाल मंदिर के सुरक्षाकर्मियों से कहा कि वह विकास है। जिसके बाद फौरन पुलिस को सूचना दी गई।
पुजारी ने बताया कि पहले कई सुरक्षाकर्मियों को शक हुआ कि इसकी शक्ल विकास दुबे से मिलती है। जब सुरक्षाकर्मियों ने सख्ती बरती तो चिल्ला-चिल्ला कर कहने वो (विकास दुबे) लगा - हां मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला। पुजारी ने बताया कि यह पूरी घटना सुबह 9 बजे की है। विकास दुबे 250 रुपये की रसीद कटवाकर मंदिर में दाखिल हुआ था।
जानें kanpur Encounter में क्या हुआ?
कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर र अंधाधुंध गोलीबारी की गई। जिसमें प्रदेश पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।