आज ही के दिन पैदा हुआ था खूंखार वीरप्पन, लोगों का सिर कलम कर खेलता था फुटबॉल
By पल्लवी कुमारी | Published: January 18, 2019 08:08 AM2019-01-18T08:08:02+5:302019-01-18T08:08:02+5:30
Indian dacoit Veerappan: 2000 में वीरप्पन ने दक्षिण भारत के फेमस अभिनेता राज कुमार का अपहरण कर लिया था। राजकुमार को वीरप्पन ने 100 से अधिक दिनों अगवा कर रखा था।
18 जनवरी 1952 को वीरप्पन के नाम से मशहूर कूज मुनिस्वामी वीरप्पन का जन्म सबुह 8 बजकर 17 मिनट पर दक्षिण भारत में गोपीनाथम नाम के गांव में एक चरवाहा के परिवार में हुआ था। लेकिन तब इस गांव के लोगों को इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनके गांव में देश का कुख्यात अपराधी पैदा हुआ है। वीरप्पन के बारे में कहा जाता है कि उसने 17 साल की उम्र में पहली बार हाथी का शिकार किया था। हाथी को मारने की उसकी फेवरेट तकनीक होती थी, उसके माथे के बींचोंबीच गोली मारना।
चंदन के जंगलों का राजा था वीरप्पन
वीरप्पन को भारत का सबसे बड़ा तस्कर कहने में कोई बुराई नहीं होगी। उसके बारे में कहा जाता है कि उसने चंदन के जंगलों को को अपनी मूंछों में बांध रखा था। मूंछों का जिक्र हमने इसलिए किया है क्योंकि वीरप्पन दो ही चीज के लिए जाना जाता है एक उसका अपराध और दूसरी उसकी मूंछ। ऐसा कहा जाता है कि वीरप्पन को अपनी मूंछों से बहुत ज्यादा प्यार था। वीरप्पन के ऊपर बॉलीवुड में एक फिल्म 'वीरप्पन' बन चुकी है। इसके लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के विजय कुमार ने अपनी किताब वीरप्पन चेज़िंग द ब्रिगांड में वीरप्पन के खौफ का कहर लिखा है।
1987 में वीरप्पन का नाम पूरे देश में छाया
1987 में वीरप्पन का नाम पूरे देश में छा गया है। 1987 में उसने एक चिदंबरम नाम के फॉरेस्ट अधिकारी को अगवा कर लिया था। उसी साल उसने एक पुलिस की टीम को भी मौत के घाट उतार दिया, जिसमें 22 लोग मारे गए थे। 1997 में वीरप्पन ने दो लोगों को अगवा किया था। वीरप्पन को लगा कि ये दोनों सरकारी अधिकारी हैं, लेकिन बाद में खुलासा हुआ है कि ये दोनों फोटोग्राफर थे। बाद में दोनों को वीरप्पन ने सही सलामत छोड़ दिया था।
जब अभिनेता को किया था वीरप्पन ने अगवा
साल 2000 में वीरप्पन ने दक्षिण भारत के फेमस अभिनेता राज कुमार का अपहरण कर लिया था। राजकुमार को वीरप्पन ने 100 से अधिक दिनों अगवा कर रखा था। इस दौरान उसने कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों राज्य सरकारों को घुटनों पर ला दिया था।
जून, 2001 में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के विजय कुमार को जयललिता का फोन आया। जयललिता बिना कोई समय गंवाते हुए बोलीं, "हम आपको तमिलनाडु स्पेशल टास्क फोर्स का प्रमुख बना रहे हैं। आपको चंदन तस्करी पर रोक लगानी है।
एसटीएफ का प्रमुख बनते ही विजय कुमार ने वीरप्पन को पकड़ने के लिए सारी योजनाए बनानी शुरू कर दी। भारत की पुलिस को इस आदमी ने जितना दौड़ाया था, उतना शायद किसी ने पुलिस को परेशान किया था। वीरप्पन का राज तीन राज्यों कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के 6 हजार स्क्वायर किलोमीटर में फैला था। इस राज में घुसने से पहले इस आदमी की परमिशन लेनी पड़ती थी।
जब पकड़ा गया वीरप्पन
के विजय कुमार के मुताबिक, "एक बार वन अधिकारी श्रीनिवास ने वीरप्पन को गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन उसने सुरक्षाकर्मियों से कहा उसके सिर में तेज दर्द है, इसलिए उसने तेल मांगा। उसने वो तेल सिर में लगाने की बजाए हाथ में लगा लिए। कुछ ही मिनटों में उसकी कलाइयाँ हथकड़ी से बाहर आ गईं। हालांकि वीरप्पन कई दिनों तक पुलिस की हिरासत में था लेकिन उसकी उंगलियों के निशान नहीं लिए गए। और वह वहां से भाग निकला।"
इसके बाद वीरप्पन ने भारतीय वन सेवा के एक अधिकारी पी श्रीनिवास का सिर काट कर उससे अपने साथियों के साथ फुटबाल खेली थी। ये वही श्रीनिवास थे जिन्होंने वीरप्पन को पहली बार गिरफ्तार किया था।
हजारों लोगों के खून का इल्जाम था वीरप्पन पर
हाथियों को मारना वीरप्पन का पेशा था। ऐसे तो मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वीरप्पन के ऊपर हजारों लोगों के खून का इल्जाम था। लेकिन 184 लोगों के हत्या का इसके ऊपर इल्जाम था। जो केस दर्ज था। वीरप्पन पर 5 करोड़ का इनाम था। ये कहा जाता है कि जब इसको बच्ची पैदा हुई तो इसने उसका गला घोंट दिया। 10 हजार टन चंदन की लकड़ी काट के बेच दी। जिसकी कीमत 2 अरब रुपये थी। वीरप्पन को मारने के लिये जो टास्क फोर्स बनाई गई थी। उस पर 100 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। लेकिन 20 साल तक चली वीरप्पन की तलाश टास्क फोर्स ने महज 20 मिनट में खत्म किया था। यानी 20 मिनट के अंदर टास्क फोर्स ने वीरप्पन को मार गिराया था। 18 अक्टूबर 2004 को उसे मार दिया गया
वीरप्पन की पत्नी का कहना है कि उसे कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। वीरप्पन ने कई बार चेतावनी दी थी कि यदि उसे पुलिस के खिलाफ किसी मामले में फंसाया जाता है तो वो हर एक पुलिसवाले की ईमानदारी पर उंगली उठा सकता है, इस कारण से उसकी हत्या कर दी गई।