UP Teacher: मोबाइल में 2 घंटा शिक्षक करता था ये काम, नौकरी से धोना पड़ा हाथ
By धीरज मिश्रा | Published: July 11, 2024 04:51 PM2024-07-11T16:51:22+5:302024-07-11T16:53:56+5:30
UP Teacher: उत्तर प्रदेश के एक स्कूल में कार्यरत एक शिक्षक को मोबाइल में गेम खेलना महंगा पड़ा है। उसे नौकरी से हटा दिया गया है। खबरों के अनुसार, शिक्षक को कैंडी क्रश गेम खेलने का नशा था।
UP Teacher: उत्तर प्रदेश के एक स्कूल में कार्यरत एक शिक्षक को मोबाइल में गेम खेलना महंगा पड़ा है। उसे नौकरी से हटा दिया गया है। खबरों के अनुसार, शिक्षक को कैंडी क्रश गेम खेलने का नशा था। उसे जब भी समय मिलता वह अपनी ड्यूटी छोड़ गेम खेलने लग जाता थी। हाल में हुई जांच में पता चला है कि शिक्षक ने स्कूल के पांचे घंटे में दो घंटे कैंडी क्रश खेलने में बिताया है।
इसके अलावा शिक्षक ने 30 मिनट तक फोन पर बात की। वहीं, 30 मिनट सोशल मीडिया ऐप का प्रयोग किया। शिक्षक की पहचान प्रियम गोयल के तौर पर हुई है। डिजिटल वेल-बीइंग फीचर से पता चला कि शिक्षक दो घंटे तक मोबाइल में गेम खेल रहा था।
जिला मजिस्ट्रेट पहुंचे थे स्कूल
खबरों के अनुसार, यह घटना तब सामने आई जब जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पंसिया रैंडम जांच के लिए स्कूल गए और छात्रों की कॉपियों में पहले पेज से लेकर आखिरी पेज तक कई गलतियां पाईं। बाद में, शिक्षक के फोन पर एक फीचर, जो आवेदनों के लिए समर्पित घंटों को ट्रैक करता था।
उससे पता चला कि उसने स्कूल के घंटों के दौरान कैंडी क्रश खेलने में करीब दो घंटे बिताए। इस पर डीएम ने शिक्षक से जवाब मांगा है।
क्या बोले डीएम
डीएम ने कहा कि शिक्षकों को छात्रों के क्लासवर्क और होमवर्क की जांच करने पर ध्यान देना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। साथ ही मोबाइल फोन का उपयोग करना कोई समस्या नहीं है, लेकिन स्कूल के समय में निजी कारणों से इसका उपयोग करना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि छह छात्रों की कॉपियों के छह पन्ने चेक किए और 95 गलतियां पाईं, जिनमें से नौ पहले पन्ने पर ही थीं। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई और सहायक शिक्षक प्रियम गोयल का फोन चेक किया। शिक्षक के फोन पर डिजिटल वेल-बीइंग फीचर से पता चला कि स्कूल के साढ़े पांच घंटों में से प्रियम गोयल ने करीब दो घंटे कैंडी क्रश खेलने में बिताए।
26 मिनट फोन पर बात की और करीब 30 मिनट सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल किया। जिला मजिस्ट्रेट ने मामले से राज्य शिक्षा विभाग को अवगत कराया, जिसने इसका संज्ञान लिया और सहायक शिक्षक को निलंबित कर दिया।