जीजाजी की जगह साले साहब करते रहे यूपी पुलिस की नौकरी, पांच साल तक किसी को नहीं हुई कानों कान खबर

By अभिषेक पारीक | Published: June 18, 2021 05:22 PM2021-06-18T17:22:27+5:302021-06-18T17:28:33+5:30

मुरादाबाद जनपथ के ठाकुरद्वारा में एक सिपाही जगह उसका साला कई सालों तक ड्यूटी देता रहा लेकिन किसी को कानों कान खबर ही नहीं हुई।

uttar pradesh police relative doing job instead of brother in law | जीजाजी की जगह साले साहब करते रहे यूपी पुलिस की नौकरी, पांच साल तक किसी को नहीं हुई कानों कान खबर

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsमुरादाबाद में एक सिपाही ने अपनी जगह साले को नौकरी पर भेजना शुरू कर दिया। अज्ञात व्यक्ति की सूचना पर जांच कराई गई तब जाकर मामले का खुलासा हुआ। आरोपी जीजा ने अपने साले को पुलिस की ट्रेनिंग भी दी थी। 

उत्तर प्रदेश पुलिस में एक के बाद ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनके बारे में यकीन करना मुश्किल होता है। मुरादाबाद पुलिस में फर्जीवाड़े का ऐसा ही मामला सामने आया है। मुरादाबाद जनपथ के ठाकुरद्वारा में एक सिपाही की जगह उसका साला कई सालों तक ड्यूटी देता रहा लेकिन किसी को कानों कान खबर ही नहीं हुई। आरोपी जीजा ने साले को नौकरी पर भेजने से पहले उसे ट्रेनिंग भी दी थी। अज्ञात व्यक्ति ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी, जिसके बाद अब जाकर मामला खुला है। 

इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। ठाकुरद्वारा थाने में आरोपी जीजा-साले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन भाग निकला है। 

आरोपी सिपाही अनिल कुमार पत्र सुखपाल मुजफ्फरनगर के खतौली थाने के गांव दाहौड़ का निवासी है। सिपाही की जगह उसका साला सुनील पुत्र राजपाल खतौली थाने के ही कंधारी का रहने वाला है। उसके अपने जीजा की जगह नौकरी करने की बात सामने आई थी। आरोपी सिपाही ठाकुरद्वारा में यूपी 112 पीआरवी में तैनात था। 

तबादला हुआ तो अपनी जगह साले को भेजा

आरोपी अनिल कुमार ने 2012 में गोरखपुर में आयोजित पुलिस भर्ती में आवेदन किया था। जहां उसका चयन आरक्षी के लिए हुआ। ट्रेनिंग पूरा करने के बाद अनिल कुमार को सबसे पहली पोस्टिंग बरेली जनपद में मिली। हालांकि जब उसका तबादला बरेली रेंज से मुरादाबाद हुआ तो उसने अपने स्थान पर साले सुनील को बुलाकर उसे प्रस्थान आदेश की कॉपी दी और मुरादाबाद पुलिस अधिकारियों के सामने पेश किया। हालांकि उस वक्त फोटो का मिलान नहीं किया, जिसके चलते यह खेल बदस्तूर पांच साल तक चलता रहा।

जांच में हुआ खुलासा

शिकायत मिलने के बाद जब ठाकुरद्वारा सीओ और थाना प्रभारी ने जांच की। जिसमें सामने आया कि सिपाही की जगह उसका साला नौकरी कर रहा था। आरोपी ने बताया कि करीब पांच साल पहले उसकी नौकरी शिक्षा विभाग में लगी थी। जिसके बाद उसने अपने साले सुनील को ड्यूटी पर भेजना शुरू कर दिया। 

लापरवाही बरतने वालों पर भी होगी कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, दूसरे आरोपी को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। साथ ही इस मामले में लापरवाही करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 

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