उत्तर प्रदेशः कासगंज के बाद कानपुर, पुलिस पिटाई से युवक की मौत, परिजनों का हंगामा, जानें मामला

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 16, 2021 04:06 PM2021-11-16T16:06:27+5:302021-11-16T16:07:33+5:30

उत्तर प्रदेश में कानपुर के कल्याणपुर पुलिस ने जितेंद्र श्रीवास्तव (24) को पुलिस चोरी के आरोप में थाने ले गई। परिजनों ने कहा कि पुलिस ने युवक को थाने में पीटा।

uttar pradesh kasganj to kanpur youth died due police beating lucknow crime case | उत्तर प्रदेशः कासगंज के बाद कानपुर, पुलिस पिटाई से युवक की मौत, परिजनों का हंगामा, जानें मामला

परिजनों ने कहा कि पुलिस ने युवक को थाने में पीटा।

Highlightsअस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। घर वाले ने शरीर पर चोट के निशाने देखे तो बिगड़ गए। हंगामा करना शुरू कर दिया।

कानपुरःअलीगढ़ में कासगंज के बाद कानपुर पुलिस की हिरासत में युवक की मौत हो गई है। मामला 5 नवंबर का है। चोरी के मामले में कल्याणपुर पुलिस ने जितेंद्र श्रीवास्तव (24) को पुलिस चोरी के आरोप में थाने ले गई। परिजनों ने कहा कि पुलिस ने युवक को थाने में पीटा।

थाने से छोड़ा तो जितेंद्र के पूरे शरीर पर पट्टो से मारने के निशान थे। इसके बाद जितेंद्र की तबीयत बिगड़ी आज सुबह मौत हो गई। शाम को पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। घर आते ही शख्स की तबीयत खराब हो गई। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। 

घर वाले ने शरीर पर चोट के निशाने देखे तो बिगड़ गए। हंगामा करना शुरू कर दिया। घर वालों का कहना है कि कल्याणपुर के रहने वाले एक शख्स के घर बीस लाख रुपये की चोरी हो गई थी। उन्होंने जितेंद्र पर चोरी का आरोप लगाया था। पुलिस इसी सिलसिले में जितेंद्र को घर से उठा ले गई थी।

हिरासत में युवक की मौत के मामले में परिजनों ने न्याय की मांग की

कासगंज पुलिस की हिरासत में युवक की मौत के मामले में परिजनों ने न्याय किए जाने और जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की है। परिवार ने कहा है कि पुलिस मृतक के पिता द्वारा कथित रूप से हस्ताक्षरित एक पत्र दिखा रही है जिसमें पुलिस को क्लीन चिट देने की बात कही गयी है। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस पत्र के लिए दबाव बनाया था।

मृतक अल्ताफ के चाचा अबरार अहमद ने यहां पत्रकारों से कहा, "जिस पत्र में अल्ताफ के पिता के अंगूठे का निशान है और जिसे पुलिस क्लीन चिट का दावा करने के लिए दिखा रही है, उसे पुलिस ने दबाव बनाकर हासिल किया था।" अबरार ने कहा, "मेरा भाई पूरी तरह से अनपढ़ है और एक कागज के टुकड़े पर उसके अंगूठे का निशान ऐसे में लिया गया जब वह सदमे की स्थिति में था।"

उन्होंने कहा, "मेरा भाई मुश्किल से चल पाता है और इसलिए मैं उसकी ओर से बोलने के लिए अलीगढ़ आया हूं।" उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कासगंज पुलिस ने परिवार को पांच लाख रुपये की राशि दी है, लेकिन उसके भाई को यह पता नहीं कि यह पैसा किसने दिया है क्योंकि वह बोलने की स्थिति में नहीं है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने परिसर में विरोध मार्च निकाला था और उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से मामले की न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की थी। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि अल्ताफ को ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने मार डाला है।

वहीं, पुलिस का कहना है कि मृतक ने लॉक-अप के स्नानघर में अपनी जैकेट की डोरी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गौरतलब है कि कासगंज में मंगलवार को पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय अल्ताफ की मौत हो गई थी। इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार पर हमला कर रहा है। 

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