आईआईटी बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप करने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ लगा गैंगस्टर, रोजाना कैंपस में जाते थे बुरी नियत से, जानिए पुलिस ने क्या बताया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 22, 2024 02:23 PM2024-01-22T14:23:34+5:302024-01-22T14:32:09+5:30
वाराणसी के आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ कथित कुकर्म की घटना को अंजाम देने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ वाराणसी पुलिस ने गैंगस्टर लगाया है।
लखनऊ:वाराणसी के आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ कथित कुकर्म की घटना को अंजाम देने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ वाराणसी पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दायर करने के बाद बीते रविवार को अलग से उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लगा दिया है।
वाराणसी पुलिस ने बीते 1 नवंबर की रात को आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर महिला छात्र के साथ हुई कथित घटना में शामिल तीन आरोपियों कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान को बीते 31 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने वारदात के समय कथित तौर पर महिला छात्रा को निर्वस्त्र किया, उसका यौन उत्पीड़न किया और फिल्म भी बनाई।
इस मामले में लंका थाने के थाना प्रभारी षिवकांत मिश्रा ने रविवार को बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए अलग से तहरीर दी गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी अभिषेक चौहान उस गिरोह का सरगना है।
थाना प्रभारी शिवकांत मिश्रा ने कहा, “आरोपी अभिषेक चौहान का गिरोह है। गिरोह का सरगना चौहान अपने साथियों के साथ पैसों के लिए अपराध करता है। इनका इतना खौफ है कि कोई भी आदमी इनके खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए शिकायत नहीं देता है और न ही उनके खिलाफ बयान देता है। तीनों आरोपियों ने आईआईटी की एक छात्रा को अवैध रूप से बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की और फिर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उन्होंने कुकर्म करने के बाद छात्रा को उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी।"
मालूम हो कि आईआईटी-बीएचयू परिसर में यौन उत्पीड़न 1-2 नवंबर की रात को हुआ था। छात्रा के मुताबिक मोटरसाइकिल पर आए तीनों आरोपियों ने जबरन चूमा और निर्वस्त्र करके उसके साथ कुकर्म किया। इतना ही नहीं आरोपियों ने उसका अश्लील वीडियो भी रिकॉर्ड किया। घटना के अगले दिन बीएचयू परिसर में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर सैकड़ों छात्र आईआईटी निदेशक के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए।
पुलिस की ओर से मामले की प्रारंभिक एफआईआर अज्ञात पुरुषों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354-बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग) और 506 (आपराधिक धमकी) और आईटी अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी लेकिन बाद में जांच के बाद पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने मामले में सामूहिक बलात्कार की धारा भी जोड़ी।
वहीं पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद तीनों आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वे बीएचू परिसर में छेड़छाड़ की तीन अन्य घटनाओं में शामिल थे और रोजाना ही ऐसे "अवसरों" की तलाश में बीएचयू में आते थे। पुलिस द्वारा उनके कॉल डिटेल को खंगालने पर पता चला कि वो अक्सर रात 11 बजे से 1 बजे के बीच बीएचयू परिसर में गलत इरादे से आते थे।
गिरफ्तार तीनों आरोपियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल से पता चला कि तीनों ही वाराणसी भाजपा की आईटी सेल से जुड़े थे। हालांकि, वारदात में तीनों का नाम आने के बाद भाजपा वाराणसी के अध्यक्ष विद्यासागर ने बयान जारी करते हुए कहा था कि तीनों को पार्टी के आईटी सेल से निकाल दिया गया है और उनसे पार्टी का कोई संबंध नहीं है।