उन्नाव रेप केस के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की रिमांड बढ़ी
By पल्लवी कुमारी | Published: April 20, 2018 08:18 PM2018-04-20T20:18:46+5:302018-04-20T20:18:46+5:30
इससे पहले गुरुवार को यूपी सरकार ने कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई वाइ श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का आदेश जारी कर दिया था।
लखनऊ, 20 अप्रैल: उन्नाव गैंगरेप में हिरासत में लिए गए बीजेपी विधायक और रेप मामले में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें बढ़ गई है। कुलदीप सिंह सेंगर की रिमांड सात दिनों के लिए ओर बढ़ा दी गई है। सीबीआई उसे पूछताछ के लिए सात दिन और बढ़ा दी है। इससे पहले गुरुवार को यूपी सरकार ने कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई वाइ श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का आदेश जारी कर दिया था।
कुलदीप सिंह सेंगर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376 ,506 और पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज है। यूपी सरकार ने इस आदेश में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से पहले SIT को दी थी।
जानिए उन्नाव गैंगरेप केस जून 7 से अब तक कब-कब क्या-क्या हुआ-
11 जून 2017: एक दिन शुभम नाम के लड़के साथ लड़की अचानक गायब हो गई और ने शुभम पर आरोप लगाया, अवधेश पर केस किया
21 जून 2017: जिसके बाद जांच के बाद पीड़िता पुलिस को मिली
22 जून 2017: मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने बयान में कहा कि उसके साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया है। जो बीजेपी विधायक के समर्थक गैं। जिसके बाद तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गए।
22 जुलाई 2017: पीएम को पीड़िता ने चिट्ठी लिखी और विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया
30 अक्टूबर 2017:पीड़िता व उसके परिवार पर विधायक समर्थकों ने मानहानि का केस किया, पीड़िता के घरवालोंपर विधायक को रावण बताने वाला पोस्टर लगाने का आरोप
22 फरवरी 2018: उन्नाव जिला अदालत में पीड़िता ने अर्जी दी, जिसमें विधायक पर रेप का आरोप लगाया, उसमें शुभम की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया गया।
3 अप्रैल 2018: कोर्ट से आते समय पीड़िता के परिवार पर हमला, विधायक के भाई ने की मारपीट। पुलिस ने आरोपियों की जगह पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट में केस किया।
4 अप्रैल 2018: विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया।
4 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया।
9 अप्रैल 2018: चार दिन बाद सुबह पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसके बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार आरोपी गिरफ्तार किये गये।
10 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई। लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।
11 अप्रैल 2018: उन्नाव गैंगरेप की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने रिपोर्ट दी। एसआईटी ने पीड़िता के परिवार पर दबाव और उसके पिता की हवालात में मौत में लापरवाही की बात की।
12 अप्रैल 2018- बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। विधायक के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
13 अप्रैल 2018- मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हुई है।