"उमर खालिद ने साजिश के तहत मीडिया में अपनी कहानी को बढ़ाया, वो अभिनेताओं, राजनेताओं के संपर्क में था", दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में लगाया नया आरोप
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 10, 2024 09:48 AM2024-04-10T09:48:53+5:302024-04-10T09:52:17+5:30
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ अदालत में एक नया आरोप लगाते हुए बताया कि खालिद ने सोशल मीडिया के जरिये अपने पक्ष में हमदर्दी जुटाने के लिए झूठी कहानी फैलाई।
नई दिल्ली: साल 2020 में देश की राजधानी में हुए दंगों के आरोप में जेल में बंद जेएनयू के छात्र उमर खालिद के मामले में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को अदालत में एक नया आरोप लगाते हुए बताया कि उमर खालिद ने सोशल मीडिया के जरिये अपने पक्ष में हमदर्दी जुटाने के लिए झूठी कहानी फैलाई। पुलिस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी की कोर्ट में आरोपी खालिद की ओर से दायर जमानत याचिका के खिलाफ अपनी दलील में कहा।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार खालिद 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश का आरोपी है। उस पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि खालिद के मोबाइल फोन डेटा से पता चला है कि वह कुछ अभिनेताओं, राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और मशहूर हस्तियों के संपर्क में था और उन्हें दिल्ली पुलिस के खिलाफ कुछ समाचार पोर्टलों के माध्यम से कुछ लिंक भेजे थे।
पुलिस का कहना है कि ये लिंक एक विशेष कथा स्थापित करते हैं। खालिद ने कई अभिनेताओं, राजनेताओं से इसे बढ़ाने के लिए अपने सोशल मीडिया खातों पर साझा करने के अनुरोध किया था।
पुलिस के खालिद के चैट के हवाले से बताया कि उमर ने कई लोगों के साथ चैट में कहा कि उनके सोशल मीडिया पर काफी फॉलोअर्स हैं, इसलिए वो उसकी स्टोरी को सोशल मीडिया में आगे बढ़ाए।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अदालत में एक वीडियो क्लिप भी चलाया, जहां एक समाचार पोर्टल द्वारा खालिद के पिता का साक्षात्कार लिया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि आरोपी खालिद के पिता ने पोर्टल को बताया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, "उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है और इसलिए वे ट्रायल कोर्ट में आए हैं। इस तरह वे उनके पक्ष में कहानी बना रहे हैं।"
अमित प्रसाद ने कहा कि खालिद ने एक व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों से शीर्ष अदालत की एक विशेष कार्यवाही के बाद विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने का अनुरोध किया था। उन्होंने खालिद की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने अन्य सह-आरोपियों के साथ समानता की मांग की थी, जिन्हें जमानत मिल चुकी है।
मालूम हो कि फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के कथित "मास्टरमाइंड" होने के आरोप में उमर खालिद और कई अन्य पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 53 लोग मारे गए और 700 से अधिक घायल हो गए। यद दंगे नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए थे।