ठाणेः नाबालिग बेटी से 2017 और 2018 के बीच कई बार बलात्कार, पिता को उम्रकैद की सजा और 10000 रुपये का जुर्माना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 6, 2022 08:33 PM2022-08-06T20:33:47+5:302022-08-06T20:34:34+5:30
एसपीपी ने कहा कि जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर व्यक्ति को सजा सुनाई गई क्योंकि पीड़िता और शिकायतकर्ता (पीड़ित की मां) दोनों मुकर गए।
ठाणेःमहाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने शनिवार को पिता को नाबालिग बेटी से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) वीवी वीरकर ने दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) रेखा हिवराले ने कहा कि 2017 और 2018 के बीच लड़की से कई बार बलात्कार किया गया और मुकदमे के दौरान आठ गवाहों से पूछताछ की गई। एसपीपी ने कहा कि जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर व्यक्ति को सजा सुनाई गई क्योंकि पीड़िता और शिकायतकर्ता (पीड़ित की मां) दोनों मुकर गए।
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले की एक अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के एक दोषी को शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस के खिलाफ 41000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि शासन की प्राथमिकता के आधार पर गंभीर एवं जघन्य अपराधों में पैरवी कर अभियुक्तों को सजा दिलाने के क्रम में थाना पुरामुफ्ती में पंजीकृत मुकदमा के अभियुक्त छेद्दन उर्फ छेदीलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उस पर 41000 रुपये अर्थदंड लगाया गया।
किशोरी के यौन शोषण, आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषियों को सजा
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में किशोरी का यौन शोषण करने और वेश्यावृत्ति कराने की धमकी देकर उसे आत्महत्या करने के लिए विवश करने के दोषी करार दिये गये तीन सगे भाइयों को यहां की एक अदालत ने 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, और प्रत्येक के खिलाफ 31,000 रुपये जुर्माना भी लगाया है।
मामले का आरोपी और चौथा भाई नाबालिग है और उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। शासकीय अधिवक्ता संजय सिंह ने बताया कि कुड़वार थाना क्षेत्र के मंगापुर मजरे सरकौड़ा के रहने वाले चार सगे भाइयों के खिलाफ गम्भीर धाराओं में नौ जून 2010 को स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।
उन्होंने बताया कि इन चार लोगों पर आरोप था कि इसी गांव के रहने वाले एक व्यक्ति की पुत्री के साथ उन्होंने दुराचार कर उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया । इस मामले में न्यायालय ने उन्हें दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 31,000 रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है।
घटना के दिन पीड़िता का पिता पड़ोस के एक गांव में रामचरित मानस का पाठ पढ़ने गया था, उसी दौरान उसकी 14 वर्षीय पुत्री की तबीयत खराब होने की उसे सूचना मिली, जिस पर वह जब अपने घर पहुंचा तो पता चला कि उसकी पुत्री ने खुद को मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर लिया है।
घायल अवस्था में उनकी पुत्री ने बताया कि उसी गांव के रहने वाले सगे भाई सोनू, पप्पू उर्फ शकील, कलीम और अलीम करीब एक माह से उसका यौन शोषण कर रहे थे, और विरोध करने पर उसके परिवार वालों को जान से मार डालने की धमकी दे रहे थे। आरोपी सोनू ने घटना के दिन पीड़िता से उसे बाहर भेजकर वेश्यावृत्ति का काम कराने की बात कही थी, परेशान होकर पीड़िता ने आग के हवाले कर लिया।