यूपी के एक गैंगस्टर को बेल देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, CJI ने कहा- तुम खतरनाक इंसान हो

By अनुराग आनंद | Published: July 28, 2020 02:09 PM2020-07-28T14:09:53+5:302020-07-28T14:09:53+5:30

सीजेआई एसए बोवड़े ने यह भी कहा कि देखिए विकास दुबे पर 64 मामले दर्ज होने के बाद भी उसे जमानत दे दिया गया, जिसका खामियाजा उत्तर प्रदेश भुगत रहा है। 

Supreme Court refuses to give bail to a gangster of UP, CJI said - You are a dangerous person | यूपी के एक गैंगस्टर को बेल देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, CJI ने कहा- तुम खतरनाक इंसान हो

सीजेआई एस ए बोवड़े (फाइल फोटो)

Highlightsविकास दुबे एनकाउंटर मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी।विकास दुबे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम इस बात से हैरान हैं कि इतने मामलों में वांछित अपराधी पैरोल पर कैसे रिहा हो गया।विकास दुबे के मामले को याद करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे सिर्फ एक घटना दांव पर नहीं है, बल्कि पूरा सिस्टम दांव पर है।

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोवड़े ने उत्तर प्रदेश के एक गैंगस्टर को बेल देने से साफ इनकार कर दिया। सुनवाई के बाद सीजेआई बोवड़े ने उसे विकास दुबे जैसा खतरनाक बताते हुए बेल देने से इनकार कर दिया। 

आज तक की मानें तो अपराधी पर 13 से अधिक संगीन मामले में केस दर्ज हैं। यही वजह है कि उसके इतिहास को देखने के बाद सीजेआई ने कहा कि तुम खतरनाक इंसान हो। हम तुम्हें रिहा नहीं कर सकते हैं। 

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि देखिए विकास दुबे पर 64 मामले दर्ज होने के बाद भी उसे जमानत दे दिया गया, जिसका खामियाजा उत्तर प्रदेश भुगत रहा है। 

इससे पहले विकास दुबे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ सरकार से ये कहा था-

बता दें कि विकास दुबे एनकाउंटर और कानुपर के बिकरू गांव में हुई शूटआउट की घटना पर बुधवार (22 जुलाई) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से कहा कि वह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (फाइल फोटो)
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (फाइल फोटो)

इस मामले के लिए जांच समिति का भी गठन कर दिया गया है। इस जांच समिति में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एस चौहान और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को शामिल किया गया है।

विकास दुबे ने 2 और 3 जुलाई की रात अपने साथियों के साथ मिलकर यूपी पुलिस पर फायरिंग की थी, जिसमें 8 सिपाही शहीद हो गए थे। यूपी पुलिस की टीम विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई थी। 

2 महीने में जांच पूरे करने के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश 

सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से इस मामले की जांच  एक अगस्त 2020 से शुरू करने को कहा है। साथ ही यह निर्देश दिए हैं कि दो महीने में इसकी जांच पूरी होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दलील दे रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार इस बात का खास ध्यान रखे कि इस तरह की वारदात फिर से ना हो। 

सुप्रीम कोर्ट की तस्वीर
सुप्रीम कोर्ट की तस्वीर

गैंगस्टर विकास दुबे का क्राइम रिकॉर्ड SC ने सरकार से मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात पर नाराजगी जताई की गैंगस्टर विकास दुबे पर इतने ज्यादा केस दर्ज होने के बाद भी उसे जमानत कैसे मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे के क्राइम रिकॉर्ड को यूपी सरकार से मांग है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विकास दुबे पर इतने गंभीर मुकदमे दर्ज होने के बाद भी वह जेल से बाहर था ये सब सिस्टम की विफलता है। विकास दुबे पर हत्या, अपहरण, फिरौती, अवैध कारोबार सहित 60 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। 

कोर्ट ने यूपी सरकार को यह भी नसीहत दी है कि एक प्रदेश के तौर पर कानून के शासन को बनाए रखना काफी अहम है और ऐसा करना राज्य सरकार का कर्तव्य है।

 

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