'तृणमूल नेता अनुव्रत मंडल को जमानत दो वरना...', सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश को मिली धमकी
By शिवेंद्र राय | Updated: August 23, 2022 18:16 IST2022-08-23T18:13:27+5:302022-08-23T18:16:07+5:30
11 अगस्त 2022 को अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी हुई थी। अब सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि उन्हें मंडल को जमानत देने के लिए धमकी दी गई है। धमकी में मंडल की रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है।

अनुब्रत मंडल (फाइल फोटो)
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के आसनसोल की सीबीआई अदालत में विशेष न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने धमकी भरा पत्र मिलने का दावा किया है। विशेष न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने कहा है कि पत्र में पशु तस्करी के एक मामले में सीबीआई की हिरासत में बंद तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है। पत्र में अनुब्रत मंडल की रिहाई में विफल रहने पर न्यायाधीश के परिवार के सदस्यों को झूठे एनडीपीएस मामले में फंसाने धमकी दी गई है।
सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने बताया है कि पत्र बप्पा चटर्जी नामक व्यक्ति से प्राप्त हुआ है। विशेष न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने अपनी शिकायत में बप्पा चटर्जी से मिले धमकी भरे पत्र को भी संलग्न किया है। उन्होंने पश्चिम बर्धमान में जिला न्यायाधीश से मामले पर ध्यान देने का अनुरोध किया है। साथ ही विशेष न्यायाधीश ने अनुरोध किया है कि इस मामले को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष उठाया जाए।
कौन हैं अनुब्रत मंडल
अनुब्रत मंडल पश्चिम बंगाल के बीरभूम से तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे। अनुब्रत मंडल पर अवैध पशु तस्करी का आरोप है। साल 2020 के पशु तस्करी के मामले में सीबीआई अनुव्रत मंडल को गिरफ्तार कर चुकी है। अनुव्रत मंडल बीरभूम के बेहद प्रभावशाली नेता थे और ममता बनर्जी के करीबी माने जाते थे। सीबीआई ने उन्हें 11 अगस्त को बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने अनुव्रत मंडल को अदालत में पेश किया और 14 दिन की हिरासत मांगी थी। लेकिन अदालत सिर्फ 10 दिनों की हिरासत की अनुमति दी थी। बाद में विशेष अदालत ने मंडल की हिरासत को 24 अगस्त बढ़ा दिया।
क्या है मामला
दरअसल साल 2020 में सितंबर में सीमा सुरक्षा बल के एक पूर्व अधिकारी को सीबीआई ने पशु तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था। छानबीन में अनुव्रत मंडल का नाम भी सामने आया था। इसके बाद सीबीआई ने मंडल को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन तृणमूल नेता हर बार कुछ न कुछ बहाना कर पूछताछ से बचते रहे। अंत में 11 अगस्त को अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी हुई। मंडल की गिरफ्तारी से पश्चिम बंगाल की सियासत भी गरमाई और भाजपा और तृणमूल ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। अनुव्रत मंडल को अब बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा।