चिन्मयानंद पर रेप का आरोपी लगाने वाली लॉ छात्रा को तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा देने की नहीं मिली इजाजत, यूनिवर्सिटी ने दिया यह तर्क
By पल्लवी कुमारी | Published: November 26, 2019 12:24 PM2019-11-26T12:24:55+5:302019-11-26T12:24:55+5:30
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर उन्हीं के कॉलेज की इस छात्रा ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। उसके बाद मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय शाहजहांपुर की लॉ छात्रा को तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं मिली है। हालांकि रंगदारी मांगने की आरोपी छात्रा को एलएलएम फर्स्ट सेमेस्टर के बैक पेपर की परीक्षा दिलाने के लिए सोमवार को जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच बरेली ले जाया गया है। उत्तर प्रदेश बरेली विश्वविद्यालय की ओर से अधिकारिक बयान में कहा गया है कि लॉ छात्रा ने 75% उपस्थिति के अनिवार्य नियम को पूरा नहीं किया। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें मंगलवार( 26 नवंबर) से शुरू होने वाली परीक्षा में नहीं बैठ सकती। हालांकि विश्वविद्यालय की ओर से यह भी कहा गया है कि अगर छात्रा कोर्ट ने आदेश लेकर आए तो उन्हें परीक्षा देने की अनुमति मिलेगी।
शाहजहांपुर की लॉ छात्रा सहित तीन अन्य शाहजहांपुर जेल में कथित रूप से स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने और 5 करोड़ रुपए की उगाही करने के आरोप में बंद हैं। भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) से निष्कासित नेता भी 20 सितंबर से उसी जेल में बंद हैं। वहीं लॉ छात्रा 25 सितंबर से जेल में बंद है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक विश्वविद्यालय ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर छात्र को भर्ती किया था। चिन्मयानंद विधि छात्र के पिछले कॉलेज प्रशासन के अध्यक्ष थे, जहां उन्होंने अपनी पहली और दूसरी बार की परीक्षा पूरी की। उनके वकील, कलविंदर सिंह ने कहा कि वह विश्वविद्यालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करेंगे।
फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा के लिए शाहजहांपुर पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी इजाजत
पीटीआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रंगदारी मांगने के मामले में विशेष जांच दल द्वारा आरोपी बनाई गई पीड़िता यहां स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ती थी, मगर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़िता का दाखिला एलएलएम तृतीय सेमेस्टर में एमजेपी विश्वविद्यालय बरेली में कराया गया है। 25 नवंबर को पीड़िता का एलएलएएम प्रथम सेमेस्टर की बैक पेपर परीक्षा है इसीलिए पीड़िता को विश्वविद्यालय परीक्षा दिलाने ले जाया गया है था।
छात्रा की पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्वामी चिन्मयानंद के कॉलेज के बजाय बरेली के एमजेपी विश्वविद्यालय में उसका प्रवेश कराया गया है। इसी परिपेक्ष में पीड़िता के वकील कुलविंदर सिंह ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ओमबीर सिंह के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर पीड़िता को परीक्षा में शामिल होने की मांग की थी।
जानें स्वामी चिन्मयानंद का पूरा मामला क्या है?
चिन्मयानंद प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी टीम ने बीजेपी के दो नेताओं को भी आरोपी बनाकर आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें सहकारी बैंक के अध्यक्ष डीपीएस राठौर तथा भाजपा नेता अजित सिंह के नाम का उल्लेख है। आरोप है कि उन्होंने पीड़िता से राजस्थान के दौसा में जब पीड़िता बरामद हुई थी तब इन्हीं दोनों नेताओं ने उससे पेनड्राइव छीन ली थी। इस पेनड्राइव में स्वामी चिन्मयानंद का मालिश वाला वीडियो था।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर उन्हीं के कॉलेज की इस छात्रा ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। उसके बाद मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई थी। इस मामले में चिन्मयानंद को जेल भेजे जाने के बाद कथित पीड़िता और उसके दोस्तों संजय, विक्रम तथा सचिव को भी चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपए रंगदारी मांगने के आरोप में जेल भेज दिया गया।