Serial Killer Gang Busted in Delhi: टैक्सी किराए पर मंगाता और चालकों की हत्या कर शवों को उत्तराखंड में फेंकता, कार को नेपाल बेचता, 25 साल से फरार 49 वर्षीय अजय लांबा गिरफ्तार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 6, 2025 19:52 IST2025-07-06T19:51:16+5:302025-07-06T19:52:01+5:30
Serial Killer Gang Busted in Delhi: पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान अजय लांबा उर्फ बंशी के रूप में हुई है जो दिल्ली और उत्तराखंड में लूटपाट एवं हत्या के चार मामलों में वांछित था।

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नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने कई अपराधों के सिलसिले में 25 सालों से फरार 49 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, गिरफ्तार व्यक्ति पर आरोप है कि वह टैक्सी किराये पर मंगाता था, तथा उनके चालकों की हत्या कर उनके शवों को उत्तराखंड के दूरदराज के जंगली इलाकों में फेंक देता था और वाहनों को नेपाल सीमा पार बेच देता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान अजय लांबा उर्फ बंशी के रूप में हुई है जो दिल्ली और उत्तराखंड में लूटपाट एवं हत्या के चार मामलों में वांछित था।
पुलिस ने कहा कि उसे सभी मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया था, जिसमें न्यू अशोक नगर थाने में दर्ज 2001 का हत्या का एक मामला भी शामिल है। अधिकारी ने बताया कि लांबा 1999 से 2001 के बीच किए गए कई जघन्य अपराधों का कथित मुख्य आरोपी था, जिसमें उसने अपने साथियों के साथ मिलकर टैक्सी चालकों को निशाना बनाया, उनकी हत्या की, उनके वाहन लूटे और पहचान छिपाने के लिए शवों को उत्तराखंड के दूरदराज के जंगली इलाकों में फेंक दिया।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने बताया, "1976 में जन्मे और मूल रूप से दिल्ली के कृष्णा नगर के रहने वाले अजय ने छठी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया और कम उम्र में ही आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। विकास पुरी पुलिस ने उसे पहले 'बंशी' उपनाम से बदमाश घोषित किया था।
1996 में उसने अपना नाम बदलकर अजय लांबा रख लिया और उत्तर प्रदेश के बरेली में रहने लगा, जहां उसने अपने साथियों धीरेंद्र और दिलीप नेगी के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया।’’ पुलिस ने बताया कि लांबा को दिल्ली, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और चंपावत में दर्ज लूटपाट और हत्या के चार मामलों में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया, उसे सभी मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया था।
उस पर 1990 के दशक से चोरी और हथियार रखने जैसे कई आरोप भी लगे थे। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि लांबा लगातार अपने ठिकाने और पहचान बदलकर दो दशक से ज़्यादा समय तक किसी की पकड़ में नहीं आया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 से 2018 तक वह अपने परिवार के साथ नेपाल में रहा और बाद में देहरादून चला गया। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि 2020 में वह मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल हो गया और कथित तौर पर ओडिशा से दिल्ली और भारत के दूसरे हिस्सों में गांजा सप्लाई करने वाले गिरोह में काम करने लगा।
पुलिस ने बताया कि उसे 2021 में सागरपुर पुलिस द्वारा स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत एक मामले में और फिर 2024 में ओडिशा के ब्रह्मपुर में एक आभूषण की दुकान में लूटपाट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि वह दोनों मामलों में जमानत पर बाहर था। पुलिस ने बताया कि उसने एक समन्वित अभियान में दिल्ली से लांबा को गिरफ्तार किया है।