नक्सलियों और आतंकवादियों को हथियार आपूर्ति करते थे सुरक्षाकर्मी, अदालत ने सुवाई 10 साल की सजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 14, 2023 03:59 PM2023-10-14T15:59:14+5:302023-10-14T16:00:15+5:30

24 अभियुक्तों में से चौदह व्यक्ति वर्तमान में उत्तर पुलिस और पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) में सेवारत हैं। ये सभी जमानत पर थे और अदालत ने अपना फैसला सुनाने के लिए उन्हें हिरासत में ले लिया था और दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

Security personnel used to supply weapons to Naxalites and terrorists court sentenced 10 years imprisonment | नक्सलियों और आतंकवादियों को हथियार आपूर्ति करते थे सुरक्षाकर्मी, अदालत ने सुवाई 10 साल की सजा

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsनक्सलियों और आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करते थे सुरक्षाकर्मीसुरक्षाकर्मियों सहित 24 लोगों को 10 साल की सजा सुनाई हैरामपुर की एक अदालत ने साल 2010 के मामले में सुनाई सजा

लखनऊ: रामपुर की एक अदालत ने 2010 में अपराधियों, नक्सलियों और आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करने के जुर्म में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो हवलदारों एवं अन्य सुरक्षाकर्मियों सहित 24 लोगों को 10 साल की सजा सुनाई है और उनमें से प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि जिला सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार ने बृहस्पतिवार को आरोपियों को दोषी ठहराया और शुक्रवार को फैसला सुनाया। मौर्य ने बताया कि मामले के मुख्य आरोपी यशोदानंद की मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गई थी। वह इलाहाबाद (जिसे अब प्रयागराज कहा जाता है) में उप्र पुलिस का सेवानिवृत्त उप-निरीक्षक था। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि जिन अन्य लोगों को सजा सुनायी गयी, उनमें विनोद पासवान और विनेश कुमार (दोनों सीआरपीएफ में हवलदार), नाथीराम (कांस्टेबल, जो पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज, मुरादाबाद में तैनात था), कांस्टेबल राम किशन शुक्ला, रामकृपाल, सुशील कुमार मिश्रा, जितेंद्र कुमार सिंह, राजेश शाही, अमर सिंह, वंश लाल, अखिलेश कुमार पांडे, अमरेश मिश्रा, दिनेश कुमार, राजेश कुमार, मनीष राय, मुरलीधर शर्मा, विनोद कुमार सिंह, ओम प्रकाश सिंह, राज्य पाल सिंह, लोकनाथ, बनवारी लाल, आकाश, दिलीप राय और शंकर शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इनमें से दिलीप राय, आकाश, मुरलीधर शर्मा और शंकर आम नागरिक हैं अभियुक्तों में से चौदह व्यक्ति वर्तमान में उत्तर पुलिस और पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) में सेवारत हैं। मौर्य कहा कि ये सभी जमानत पर थे और अदालत ने अपना फैसला सुनाने के लिए उन्हें हिरासत में ले लिया था और दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए एडीजीसी ने कहा कि 10 अप्रैल 2010 को पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने रामपुर जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के ज्वाला नगर रेलवे क्रॉसिंग के पास से सीआरपीएफ के दो हवलदारों को गिरफ्तार किया और उनके पास से उसने एक इंसास राइफल, कारतूस और नकदी बरामद की।

मौर्य ने बताया कि उसके बाद इन दोनों से मिली जानकारी के आधार पर एसटीएफ ने यशोदानंद (सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक) और मुरादाबाद पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में तैनात कांस्टेबल नाथीराम को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि 29 अप्रैल 2010 को एसटीएफ के आमोद कुमार ने एक मामला दर्ज कराया था जिसमें तीन लोगों यशोदानंद, विनोद पासवान और विनेश कुमार को नामजद किया गया था। उनके अनुसार यशोदानंद के पास से 1.75 लाख रुपये बरामद किये गये तथा उसके बाद उनकी निशानदेही पर नाथीराम को पीटीसी मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया और उससे भी बरामदगी की गई एवं उसके खिलाफ मुरादाबाद में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मौर्य के मुताबिक छानबीन के दौरान नाथीराम के पास से एक डायरी बरामद हुई और उस डायरी के आधार पर जांच के दौरान 21 अन्य को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कुल 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी जिनमें यशोदानंद की सुनवाई के दौरान मौत हो जाने से शेष 24 आरोपियों को सजा सुनाई गयी। 

(इनपुट- भाषा)

Web Title: Security personnel used to supply weapons to Naxalites and terrorists court sentenced 10 years imprisonment

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