माँ के इलाज के लिए नहीं थे पैसे, नौकरी का लालच देकर हर बार बेचा गया उस मासूम का जिस्म
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 29, 2018 08:03 AM2018-11-29T08:03:52+5:302018-11-29T08:03:52+5:30
नाबालिग मूलत: कोलकाता की निवासी हैं. वह कोलकाता में अपनी मां के साथ रहती थी. उसके मां की तबीयत खराब है. मां के उपचार के लिए उसे पैसों की जरूरत थी. इस वजह से वह रोजगार की खोज करने लगी.
नागपुर: काम दिलाने का झांसा देकर देह व्यापार में झोंकी गई नाबालिग को पुलिस ने मुक्त कराया है. जोन पांच के विशेष दस्ते ने जरीपटका थाने के तहत बाबादीपसिंह नगर में देह व्यापारा के एक अड्डे पर छापा मारकर मुखिया सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
आरोपी उमेश दामोदर आसोलकर (40) ओम साई नगर, कामठी, वर्षा उर्फ रिया देवीदास लालवाणी (40) आहूजा नगर, जरीपटका तथा रेखाबाई रामदास चव्हाण (48) बाबादीपसिंह नगर, जरीपटका है. जोन-पांच के पुलिस दल को बाबादीपसिंह नगर के एक मकान में आरोपियों द्वारा देह व्यापार का अड्डा चलाए जाने का पता चला. पुलिस ने 'डमी' ग्राहक को आरोपियों के पास भेजा. आरोपियों ने डमी ग्राहक से नाबालिग का सौदा किया. आरोपियों द्वारा रुपए स्वीकार करते ही पुलिस ने छापा मारकर नाबालिग को मुक्त कराया.
नाबालिग मूलत: कोलकाता की निवासी हैं. वह कोलकाता में अपनी मां के साथ रहती थी. उसके मां की तबीयत खराब है. मां के उपचार के लिए उसे पैसों की जरूरत थी. इस वजह से वह रोजगार की खोज करने लगी. नाबालिग ने अपनी तंगी की समस्या सहेली को बताई. सहेली ने उसे रोजगार दिलाने का झांसा दिया. नाबालिग को उसकी सहेली दिल्ली ले गई. वहां से उसे बेंगलुरु ले गई. बेंगलुरु में काम दिलाने के बहाने सहेली ने देह व्यापार से जुड़े गिरोह को बेच दिया. बेंगलुरु से नाबालिग आसाम पहुंची. आसाम से दिल्ली के देह व्यापार के गिरोह को भेजी गई. दिल्ली के गिरोह से आरोपियों ने उसे खरीदा.
दो दिनों से नाबालिग अरोापियों के इशारे पर देह व्यापार कर रही थी. सूत्रों के अनुसार इस अड्डे का सूत्रधार उमेश आसोलकर है. उसे पहले भी देह व्यापार में रंगे हाथ पकड़ा गया है. उसकी साथी महिलाएं युवतियों को फांसने का काम करती थीं. इस गिरोह की गहराई से जांच किए जाने पर काफी जानकारी सामने आ सकती है. यह कार्रवाई डीसीपी हर्ष पोद्दार, प्रभारी डीसीपी राहुल माकणिकर के मार्गदर्शन में थानेदार पराग पोटे, एपीआई ओम सोनटक्के, पीएसआई जीतेंद्र ठाकुर, कर्मचारी राजकुमार जनबंधु, विनोद सोनटक्के, महेश बावणे, पंकज लांडे, सूरज भारती, प्रमोद वाघ, दिनेश यादव, प्रभाकर मानकरल रवींद्र राऊत तथा मृदुल नगरे ने की.