पुणे: यरवदा जेल से आजीवन कारावास का सजायाफ्ता मुजरिम हुआ चंपत, 2008 में की थी हत्या, जानिए उसकी फरारी के बाद क्या कहा पुलिस ने

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 21, 2023 07:07 PM2023-11-21T19:07:36+5:302023-11-21T19:11:17+5:30

देश की सबसे सुरक्षित और ऐतिहासिक समझे जाने वाली यरवदा सेंट्रल जेल में बंद हत्या का एक दोषी बीते सोमवार को जेल प्रशासन की आंख में धूल झोंककर चंपत हो गया है।

Pune: Champat, a convict sentenced to life imprisonment from Yerwada jail, had committed murder in 2008, know what the police said after his escape | पुणे: यरवदा जेल से आजीवन कारावास का सजायाफ्ता मुजरिम हुआ चंपत, 2008 में की थी हत्या, जानिए उसकी फरारी के बाद क्या कहा पुलिस ने

फाइल फोटो

Highlightsदेश की सबसे सुरक्षित और ऐतिहासिक समझे जाने वाली यरवदा सेंट्रल जेल में हुआ बड़ा कांडहत्या का दोषी जेल प्रशासन की आंख में धूल झोंककर हो गया चंपत, अधिकारियों की हालत खराबजेस से फरार हुए आशीष जाधव ने साल 2008 में हत्या की थी, उसे आजीवन कैद की सजा मिली थी

पुणे: देश की सबसे सुरक्षित और ऐतिहासिक समझे जाने वाली यरवदा सेंट्रल जेल से बेहद सनसनीखेज खबर आ रही है। जी हां, यरवदा जेल में बंद हत्या का एक दोषी बीते सोमवार को सारे जेल प्रशासन की आंख में धूल झोंककर चंपत हो गया है।

जब सजायाफ्ता मुजरिम के फरार होने की खबर जेल अधिकारियों तक पहुंची तो उनके हाथ-पैर फूल गये। इस संबंध में जेल अधिकारियों ने कहा कि आशीष भरत जाधव नाम का एक कैदी, जो हत्या का दोष सिद्ध होने के बाद से आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। वह सोमवार दोपहर को कैदियों की दैनिक गिनती के दौरान गायब पाया गया।

इस संबंध में पुलिस उपनिरीक्षक अशोक काटे ने कहा कि संदेह है कि कैदी आशीष जाधव खुली जेल से भाग गया है। उन्होंने कहा, “जब जेल के कैदियों की गिनती की गई तो वह अपने बैरक में नहीं मिला। जेल प्रशासन और हमने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।''

बताया जा रहा है कि कैदी के फरार होने के बाद जेल अधिकारी (खुली जेल) हेमंत पाटिल ने मामले में यरवदा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई और उसके बाद पुलिस ने कैदी आशीष जाधव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 224 के तहत मामला दर्ज करके उसकी तलाश शुरू कर दी है।

पुलिस के अनुसार, आशीष जाधव एक कुख्यात अपराधी है। उसकी क्राइम हिस्ट्री के अनुसार उसने साल 2008 में पुणे के वारजे मालवाड़ी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में एक हत्या को अंजाम दिया था।

उस हत्याकांड के लिए पुणे की अदालत ने उसे आईपीसी की धारा 302, 307 और 34 और भारतीय हथियार की धाराओं के तहत दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

पुलिस ने कहा कोर्ट से सजा पाने के बाद से वह यरवदा सेंट्रल जेल में अपनी सजा काट रहा था, जहां उसे जेल के राशन विभाग में काम दिया गया था।

पुलिस ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि वह जेल से कैसे भाग गया। बताया जा रहा है कि सोमवार को उसने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए काम पर जाने से मना कर दिया था और खुली जेल के बैरक नंबर 4 में रुका था। उसके बाद जब जेल अधिकारियों ने जेल के कैदियों की गिनती की तो वह बैरक में नहीं मिला।

Web Title: Pune: Champat, a convict sentenced to life imprisonment from Yerwada jail, had committed murder in 2008, know what the police said after his escape

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