Phulwari Sharif Terror Conspiracy: भारत में तबाही मचाने के उद्देश्य से बिहार को बनाया जा रहा था सेफ स्लीपर जोन, आईबी ने किया अलर्ट
By एस पी सिन्हा | Published: July 24, 2022 05:49 PM2022-07-24T17:49:27+5:302022-07-24T17:51:58+5:30
खुफिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दंगा भड़काने के लिए नूपुर शर्मा के बयान को भी आधार बनाया जा सकता है। सीतामढ़ी में कुछ दिनों पहले एक ऐसी वारदात हो चुकी है।
पटना: बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में सामने आए टेरर माड्यूल की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नित नए खुलासे हो रहे हैं। ऐसे में इससे जुड़े लोगों के बीच बौखलाहट बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि आईबी ने एक बार फिर से बिहार पुलिस को अलर्ट किया है।
इसमें फुलवारी शरीफ मामले के बाद कट्टरपंथी संगठनों के द्वारा विरोध-प्रदर्शन के नाम पर समुदाय विशेष के लोगों को भड़काने या उकसाने की आशंका जताई गई है। खासकर उत्तर बिहार और सीमांचल से जुड़े जिलों जैसे मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया आदि में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय एजेंसियों ने इन जिलों में पीएफआई और कुछ अन्य कट्टरपंथियों विचारधाराओं वाले संगठनों द्वारा तनाव फैलाने की साजिश का अंदेशा जताया है। अलर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है कि कट्टरपंथी विचारधारा वाले कुछ साजिशकर्ता विशेष आयोजन में हुजूम का हिस्सा बनकर शामिल हो सकते हैं और लोगों को अशांति फैलाने के लिए उकसा सकते हैं।
आईबी के इस अलर्ट के बाद प्रदेश के खुफिया एजेंसियों ने संबंधित जिलों को चौकस रहने का निर्देश दिया है। खुफिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दंगा भड़काने के लिए नूपुर शर्मा के बयान को भी आधार बनाया जा सकता है। सीतामढ़ी में कुछ दिनों पहले एक ऐसी वारदात हो चुकी है।
कुछ दिन पहले ही नुपूर शर्मा का वीडियो देखने पर एक युवक पर चाकूओं से वार किया गया था। पीड़ित युवक ने बताया था कि पान की दुकान पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता का वीडियो देखने पर तीन युवकों ने उसपर हमला कर दिया था।
इस बीच जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आतंकी बिहार की जमीन को अपना नया अड्डा बना रहे हैं। बिहार को वे एक सेफ स्लीपर जोन मान रहे हैं। इसका कारण है कि नेपाल और बांग्लादेश से इसकी सीमा लगी हुई हैं। जिसके कारण अपने मंसूबों को अंजाम देने में इन्हें सहुलियत होती है। इसके लिए 3 मॉड्यूल एक साथ काम कर रहे हैं।
नेपाल बॉर्डर और बाग्लादेश सीमा से दिल्ली तक आतंकी गलियारा तैयार किया जा रहा है। तीनों संगठनों के काम करने का ट्रेंड तो अलग-अलग है। लेकिन टारगेट भारत को तबाह करना है। तबाही के मिशन पर काम करने वालों में आतंकी संगठन सिमी का अपडेट वर्जन भी शामिल है, जो पीएफआई से जुडे संदिग्ध लोगों से मिलकर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। सिमी के पुराने सदस्यों की मदद से 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाने के मकसद से पीएफआई बिहार में अपने संगठन और नेटवर्क को मजबूत करने में लगा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार बिहार में वैसे लोगों की तलाश की जाती थी, जिनकी सोंच कट्टरपंथी सोच से मिले। फिर उन लोगों का ब्रेन वॉश किया जाता था। फुलवारी शरीफ में गिरफ्तार आरोपी का कतर से कनेक्शन सामने आया है। पुलिस ने जांच में खुलासा किया है कि आरोपी को कतर से कथित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी फंडिंग मिल रही थी।
मारगुव अहमद दानिश को कतर स्थित संगठन ‘अल्फाल्ही’ से क्रिप्टोकरंसी के रूप में फंडिंग मिली थी। 'जांच में सामने आया है कि व्हाट्सऐप ग्रुप ‘गजवा-ए-हिंद’ पर राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक का अपमान करने वाले मैसेज शेयर किये गए थे।
इसके साथ ही एटीएस के निशाने पर दरभंगा की एक महिला भी है। उस महिला के पास काफी इनपुट होने की जानकारी जांच एजेंसियों के हांथ लगी है। यही कारण है कि एटीएस ने सबसे पहले उस महिला को ही टारगेट करने का निर्णय लिया है। उसके घर छापेमारी कर सघन पूछताछ की जाएगी।
उधर, एनआईए इस मामले की जांच कई तथ्यों के आधार पर करेगी। इसमें सबसे प्रमुख फुलवारीशरीफ के पीएफआई मॉड्यूल का कनेक्शन बांग्लादेशी आतंकी संगठन जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश) और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के साथ तलाशना है। इसकी मुख्य वजह कुछ दिनों पहले एनआईए का जेएमबी के मुख्य एजेंट अली असगर उर्फ अब्दुल्ला बिहारी को गिरफ्तार करना है।