निर्भया केस : गुनहगारों को कब लटकाया जाएगा फांसी पर, आज हो सकता है फांसी के दिन का ऐलान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 7, 2020 06:11 AM2020-01-07T06:11:26+5:302020-01-07T06:11:26+5:30
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई।
निर्भया के आरोपियों की फांसी को लेकर चर्चा फिर से तेज है। रिपोर्ट के मुताबिक, लिए तिहाड़ में फांसी का फंदा तैयार किया जा रहा है। इंतजार है तो अब सिर्फ फांसी की तारीख का जो 7 जनवरी को तय हो सकती है। गुनहगारों को फांसी पर कब लटकाया जाएगा इस मामले पर आज दिल्ली की पटियाला कोर्ट सुनवाई हो सकती है। इससे पहले निर्भया गैंगरेप मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक के पिता की फांसी को टालने की कोशिश भी सोमवार को बेकार हो गई।
दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के एक दोषी के पिता की शिकायत को सोमवार को खारिज कर दिया जिसमें मामले के एकमात्र चश्मदीद के खिलाफ कथित रूप से धन लेकर कई समाचार चैनलों को इंटरव्यू देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी थी।
घटना का एकमात्र चश्मदीद और 23 वर्षीय लड़की का साथी उस जघन्य अपराध वाले दिन लड़की के साथ बस में था और इस दौरान वह भी जख्मी हो गया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सिरोही ने शिकायत को खारिज कर दिया। उन्हें याचिका में प्राथमिकी दर्ज के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग में कोई पुख्ता आधार नजर नहीं आया।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि गवाह की गतिविधियों ने मामले को प्रभावित किया और नतीजतन इस मामले में मीडिया ट्रायल शुरू हो गया। पवन कुमार गुप्ता के पिता हीरा लाल गुप्ता की शिकायत में कुछ हालिया खबरों का जिक्र किया गया जिनमें आरोप लगाया गया कि चश्मदीद ने कई समाचार चैनलों पर इंटरव्यू के लिए पैसे लिये। गुप्ता के वकील ए पी सिंह ने यह बात कही।
जानें निर्भया केस के बारे में
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 मार्च 2013 को राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। एक और आरोपी नाबालिग था। जिसे कार्रवाई के बाद सुधार गृह में भेज दिया गया। इसके अलावा बाकी चारों आरोपी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता चारों ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।