Nirbhaya Convicts Hanging Taja Samachar: आखिरकार निर्भया को मिला 7 साल बाद इंसाफ, चारो दोषी फंदे पर झूले
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 20, 2020 02:00 AM2020-03-20T02:00:37+5:302020-03-20T07:35:34+5:30
निर्भया के दोषियों के लिए 20 मार्च का डेथ वॉरंट पहले ही जारी हो चुका था। गौरतलब है कि 23 वर्षीय छात्रा से 16 दिसंबर की रात दिल्ली की एक चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और उसे सड़क पर फेंकने से पहले बुरी तरह से घायल कर दिया था।
नई दिल्लीः निर्भया मामले में दोषी मुकेश की आखिरी चाल भी काम नहीं आई। चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई।
गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। कानूनी भाषा में इसे ब्लैक वॉरंट (Black Warrant) या डेथ वॉरंट (Death Warrant) भी कहा जाता है। यह वह आदेश है जिसके बाद सजा ए मौत पाए किसी बंदी को फांसी के फंदे पर लटकाया जा सकता है।
निर्भया के दोषियों के लिए 20 मार्च का डेथ वॉरंट पहले ही जारी हो चुका था। 23 वर्षीय छात्रा से 16 दिसंबर की रात दिल्ली की एक चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और उसे सड़क पर फेंकने से पहले बुरी तरह से घायल कर दिया था।
सिंगापुर के एक अस्पताल में 29 दिसंबर 2012 को पीड़िता की मौत हो गई थी। इस घटना के खिलाफ देश भर में रोष छा गया था। राम सिंह नाम के एक आरोपी ने जेल में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली, जबकि एक किशोर को बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया गया तथा उसे एक बाल सुधार गृह में अधिकतम तीन साल की कैद की सजा दी गई। सभी दोषियों ने हर तिकड़म को अपनाया। वे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहुंच गए।
गुरुवार रात को दिल्ली हाई कोर्ट से फांसी पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज हो गई, इसके बाद निर्भया के दोषियों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली और सभी दोषियों को शुक्रवार सुबह फांसी पर चढ़ाया गया।
निर्भया मामला: फांसी से ठीक तीन घंटे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
निर्भया मामले के दोषियों के वकील एपी सिंह ने फांसी पर रोक वाली याचिका दिल्ली हाई कोर्ट से खारिज होने के बाद देर रात सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए रात के ढाई बजे का वक्त दिया। उसके बाद सुनवाई हुई। हालांकि कोई राहत नहीं मिली। आखिरकार सात साल बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया। निर्भया के दोषियों के बचाव के सारे गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद बंद हो गए। शीर्ष अदालत ने दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से दायर की गई अंतिम मिनट की याचिका को खारिज कर दोषियों की फांसी पक्की कर दी थी।
चार में से एक दोषी पवन गुप्ता की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज की गई दया याचिका के खिलाफ वकील एपी सिंह ने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले वह दिल्ली उच्च न्यायालय गए थे जहां उन्होंने निचली अदालत द्वारा जारी किए गए चौथे मृत्यु वारंट के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।