नीट परीक्षाः तमिलनाडु में एक और परीक्षार्थी ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा-खराब प्रदर्शन का डर था
By भाषा | Published: September 12, 2020 04:08 PM2020-09-12T16:08:13+5:302020-09-12T18:48:49+5:30
मृतका की पहचान जोतिश्री दुर्गा के रूप में की गई है और वह अपने घर में लटकी हुई पाई गई। पुलिस ने कहा कि शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें मृतका ने कथित तौर पर लिखा कि उसे परीक्षा में अपने खराब प्रदर्शन का डर था।
मदुरैः राष्ट्रीय प्रवेश एवं पात्रता परीक्षा (नीट) में खराब प्रदर्शन के भय से 19 वर्षीय एक परीक्षार्थी ने यहां कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मृतका की पहचान जोतिश्री दुर्गा के रूप में की गई है और वह अपने घर में लटकी हुई पाई गई। पुलिस ने कहा कि शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें मृतका ने कथित तौर पर लिखा कि उसे परीक्षा में अपने खराब प्रदर्शन का डर था। इस घटना से कुछ दिन पहले राज्य के अरियालुर में एक अन्य परीक्षार्थी ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।
उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम द्वारा घटना पर शोक प्रकट किए जाने के बावजूद तमिलनाडुनीट परीक्षा कराए जाने का विरोध करने वाली विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधा था। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि नीट “कोई परीक्षा ही नहीं है।”
पन्नीरसेल्वम ने अपने एक ट्वीट में कहा कि इस प्रकार की घटनाएं दुखद हैं और छात्र “भविष्य का आधार हैं।” तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने ट्वीट किया, “अनीता (2017 में आत्महत्या करने वाली छात्रा) से लेकर जोतिश्री दुर्गा तक की मौत से हमें यह समझ में आ जाना चाहिए कि नीट छात्रों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है।” उन्होंने कहा, “मैं दोबारा कहता हूं कि आत्महत्या समाधान नहीं है। नीट कोई परीक्षा ही नहीं है।”
Tamil Nadu: A NEET-aspirant allegedly died by suicide in Madurai today. A note left behind by her reads, "...I really studied well but I'm afraid if I can't get seat I'll disappoint everyone. I'm sorry..." Police present at spot.
— ANI (@ANI) September 12, 2020
NEET(UG) exams are scheduled to be held tomorrow pic.twitter.com/yVmB5WUYur
तमिलनाडु: नीट परीक्षा के तनाव में आत्महत्या करने वाले छात्र को मुआवजा, परिजन को नौकरी
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि नीट परीक्षा से कुछ दिन पहले तनाव के कारण जिस 19 वर्षीय किशोर ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी उसके परिजनों को सात लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। पलानीस्वामी ने कहा कि मृतक के परिवार के एक सदस्य को राज्य सरकार में नौकरी दी जाएगी।
विग्नेश को पहले नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद मेडिकल कालेज में प्रवेश नहीं मिला था और इस बार वह प्राप्तांक में वृद्धि के लिए परीक्षा देना चाहता था। विग्नेश ने बुधवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। मानसिक तनाव के कारण किशोर द्वारा मौत को गले लगाने की घटना पर मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त किया।
उन्होंने छात्रों से कहा कि सतत प्रयास और किसी भी चुनौती का सामना करने का दृढ निश्चय करने से सफलता अर्जित होती है और सरकार छात्रों के कल्याण के लिए हमेशा उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों की इच्छाओं को समझें और उनका उचित मार्गदर्शन करें। इस बीच पट्टाली मक्कल काची ने विग्नेश के परिवार वालों को दस लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
नीट: तमिलनाडु में किशोर ने की आत्महत्या, राजनीतिक दलों की परीक्षा खत्म करने की मांग
तमिलनाडु में पिछली बार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा पास करने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं ले सके 19 वर्षीय किशोर ने आत्महत्या कर ली। वह इस बार परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार करना चाहता था। पुलिस ने यह जानकारी दी। मृतक की पहचान विग्नेश के रूप में हुई है। उसका शव यहां एक गांव के निकट कुएं में तैरता हुआ मिला। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि किशोर 13 सितंबर को होने वाली नीट की परीक्षा को लेकर कुछ समय से तनाव में था।
उन्होंने कहा, ''उसने इससे पहले परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन इस बार अंकों में सुधार करने को लेकर तनाव में था। '' इस घटना के बाद तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने एक बार फिर परीक्षा को खत्म करने की मांग की। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने नीट आवेदक की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस परीक्षा के चलते एक और जान चली गई।
उन्होंने छात्रों से साहस के साथ जीवन जीने और आत्महत्या की प्रवृत्ति त्यागने की अपील करते हुए कहा, ''बेरहम केन्द्र सरकार नीट को कब खत्म करेगी। और कितनी जानें जाएंगी? '' तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक समेत कई राजनीतिक दल इस आधार पर नीट का विरोध करते है कि यह सामाजिक न्याय, पिछले तबकों और ग्रामीण छात्रों के हितों को खिलाफ है, जो कोचिंग कक्षाओं का खर्च नहीं उठा सकते।