नालंदा जहरीली शराब कांड: बिहार सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला में अब तक 13 की मौत, बीजेपी, राजद सहित विपक्ष हमलावर
By एस पी सिन्हा | Published: January 16, 2022 05:25 PM2022-01-16T17:25:05+5:302022-01-16T17:26:11+5:30
नालंदा जहरीली शराब कांड: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला में जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई है. बिहार पूर्णशराबबंदी वाला राज्य है.
पटनाः बिहार में एक ओर जहां शराबबंदी की सख्ती को और अधिक बढ़ाए जाने की दिशा में लगातार कार्रवाई की जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर एकबार फिर से एक दर्जन से अधिक लोगों की जहरीली शराब से हुई मौत ने हड़कंप मचा दिया है.
घटना नालंदा जिले की है जहां शनिवार से लेकर अबतक जहरीली शराब के सेवन से 13 लोगों की मौत हो गई है. यह संख्या और बढ़ सकती है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कई लोगों का इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है. परिजनों के अनुसार सभी ने मिलावटी शराब पी थी. चर्चा तो यह भी है कि तीन मृतकों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है.
जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी भी जाने की चर्चा है. वहीं, छोटी पहाड़ी गांव में हुई संदिग्ध मौत के बाद आईजी ने आज थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद को निलंबित कर दिया है. पूरे मामले की जांच डीआईजी स्तर के अधिकारी के द्वारा कराई जा रही है. मृतक के परिजनों ने जहरीली शराब से मौत होने का दावा किया है.
जबकि शुरू में पुलिस व तामाम अधिकारी इन मौतों की वजह ठंड और हर्ट अटैक बताती रही. परिजनों का कहना है कि सभी ने शराब का सेवन किया था और उसी से मौत हो गई. घटना के बाद पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी दल-बल के साथ छापेमारी करने में जुट गये हैं. शराब और कुछ सामान बरामद की गई है.
इस संबंध में एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ लोगों की मौत बीमारी और कुछ की जहरीली शराब पीने से हुई है. पटना के रेंज आईजी राकेश राठी के नेतृत्व में पुलिस की कार्रवाई जारी है. रिपोर्ट के आधार पर आगे निष्कर्ष पर पहुंचेंगे. पुलिस की तीन टीम छापेमारी कर रही है. छापेमारी में देसी व विदेशी शराब बरामद हुई है, वहीं आधा दर्जन लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
यहां बता दें कि शनिवार की सुबह छोटी पहाड़ी में दो व पहड़तल्ली मोहल्ले में एक के मरने की खबर फैली. पहले तो परिजनों ने कहा कि मिलावटी शराब पीने से मौत हुई. लेकिन पुलिस अधिकारियों के पहुंचते ही उनके सुर बदल गये. एक की ठंड से और एक की लकवा मारने से मौत होने की कहानी सुनायी जाने लगी.
मृतक के परिजनों का कहना है कि शुक्रवार को मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा खाने के बाद उनके घर के सदस्य रात में शराब पीकर आये थे. रात में ही उन लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी. आनन-फानन में परिजनों ने उन्हें निजी क्लिनिक में भर्ती कराया. इलाज के दौरान दो लोगों ने दम तोड़ दिया, जबकि अन्य लोगों की मौत घर में ही हो गई थी. मृतकों के परिजनों ने बताया कि इसी मोहल्ले में स्थित एक वृद्ध के घर में जाकर सभी ने शराब पी थी.
बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित है. यह घटना जहरीली शराब के सेवन से उत्तरी बिहार के चार जिलों में 40 से अधिक लोगों की मौत के करीब दो महीने बाद हुई है. इस बीच बिहार में सत्ताधारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था.आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता तो आपके लिए अपराध है.’’