पिता ने नाबालिग बेटी से रेप कर गर्भवती किया, हाईकोर्ट ने कहा-आरोपी की करतूत बताते वक्त पीड़िता की तकलीफ समझनी होगी
By सौरभ खेकडे | Published: March 2, 2022 09:32 PM2022-03-02T21:32:55+5:302022-03-02T21:33:52+5:30
नागपुरः अपनी ही नाबालिग बेटी पर बलात्कार करके उसे गर्भवती करने वाले पिता पर दया दिखाने से साफ इनकार करते हुए बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने उसकी उम्रकैद कायम रखी है.
दरअसल दो विवाह करने वाले इस व्यक्ति की 2 पत्नियां है, जिससे उसे कुल 7 संतान हुई हैं. दिसंबर 2015 में जब पत्नी मायके गई थी तब इस पिता ने पहली बार अपनी नाबालिग बेटी पर बलात्कार किया, बाद में उसे जान से मारने की धमकी भी दी.
किशोरी ने डर के मारे किसी को नहीं बताया. लेकिन बार बार बलात्कार करने से एक दिन वह गर्भवती हो गई. जिसके बाद घर वालों को सारी बात पता चली. इस किशोरी ने एक बच्चे को भी जन्म दिया. कुछ ही दिनों बाद बच्चे की मृत्यु हो गई.
पीड़िता ने दिखाया साहस
इस मामले में पिता अपने बचाव में दलील दे रहा था कि किशोरी के किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध थे, उसी संबंध से यह बच्चा हुआ. इस मामले में परिवार के सदस्य ही गवाह थे. लेकिन आरोपी को बचाने के लिए वे सभी अपने बयान से पलट गए. केवल पीड़ित किशोरी ही अपने बयान पर टिकी रही.
हाईकोर्ट ने उसके साहस की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस मामले में यह सोचना चाहिए कि कैसे इस कम उम्र बच्ची ने परिवार के सदस्यों का समर्थन ना मिलने के बावजूद अपने ही बर्बर पिता का सामना करने की हिम्मत दिखाई. उसने पुलिस को जो पहले बयान दिया, आखिर तक उस पर टिकी रही, जरा भी विचलित नहीं हुई.
अपने ही पिता के खिलाफ बयान देते वक्त पीड़िता किसी मानसिक स्थिति से गुजरी होगी, यह समझना होगा. इस निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय के उस फैसले को कायम रखा है जिसके तहत सत्र न्यायालय ने आरोपी को भादवि 376(2)(एफ) और पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी मान कर उम्रकैद की सजा सुनाई थी.