मुजफ्फरपुर कांड: लड़कियों को निर्वस्त्र सोने के लिए किया जाता था मजबूर, गर्भपात के लिए की थी ये व्यवस्था  

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 2, 2018 08:35 PM2018-08-02T20:35:40+5:302018-08-02T20:48:11+5:30

बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित बालिका अल्पवास गृह की झकझोर देने वाली बातें सामने आ रही हैं। इस मामले में नेता, अधिकारी और ताकतवर लोगों शक के घेरे मे हैं।

muzaffarpur shelter home rape case Girls were forced to Nude sleep | मुजफ्फरपुर कांड: लड़कियों को निर्वस्त्र सोने के लिए किया जाता था मजबूर, गर्भपात के लिए की थी ये व्यवस्था  

मुजफ्फरपुर कांड: लड़कियों को निर्वस्त्र सोने के लिए किया जाता था मजबूर, गर्भपात के लिए की थी ये व्यवस्था  

पटना,2 अगस्त:  बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित बालिका अल्पवास गृह की झकझोर देने वाली बातें सामने आ रही हैं। इस मामले में नेता, अधिकारी और ताकतवर लोगों शक के घेरे मे हैं। बात सामने आ रही है कि बच्चियों को बगैर कपड़ों के सोने को मजबूर किया जाता था। जब लड़कियां गर्भवती हो जाती थी तो बालिका गृह में ही उनका गर्भपात कराया जाता था। गर्भपात के लिए बाकायदा वहां 'ऑपरेशन थिएटर' बना रखा था।

उल्लेखनीय है कि बालिका अल्पवास गृह की कहानी को बिहार पुलिस ने चार्जशीट की शक्ल में 16 पन्नों में कैद करने की कोशिश की है। रिपोर्ट में यह दर्ज किया गया है कि इस बालिका अल्पवास गृह में कुल 46 लड़कियां थीं। ऐसा एक दिन नहीं गुजरता जब उनकी आबरू ना लूटी जाती। बालिका गृह में छह वर्ष की मासूम भी रह रही थी। वो बेगूसराय की थी। उसके साथ ही यहां सात वर्ष से लेकर 21 वर्ष की बालिकाएं थीं। इनमें 15 वर्ष तक की उम्र की कई थीं। विभागीय जानकारी के अनुसार, छह वर्ष की एक, सात वर्ष की एक, आठ वर्ष की चार, 10 वर्ष की पांच, 11 वर्ष की तीन, 12 वर्ष की तीन, 13 वर्ष की छह, 14 वर्ष की दो, 15 वर्ष की नौ, 16 वर्ष की एक, 17 वर्ष की पांच, 18 वर्ष की तीन व 21 वर्ष की एक युवती यहां रह रही थी। हालांकि, नियमानुसार 21 वर्ष की युवती को यहां नहीं रखना था मगर इसे नजरअंदाज किया गया।

बालिका गृह में देश के कई राज्यों की युवतियां काफी लंबे समय से रह रही थीं। मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढी, शिवहर, मोतिहारी, बेतिया व मधुबनी की भी बालिकाएं यहां रह रही थीं। इनके साथ ही अन्य प्रदेशों की भी युवतियां यहां रह रही थीं। कोलकता, मणिपुर व झारखंड़ आदि की युवतियां भी यहां रह रही थीं। जिले की भी करीब छह युवतियां रहकर अपने परिजन के पास जाने की दुआ कर रही थीं। 

बताया जाता है कि इनमें से कई को परिजन तक पहुंचाने का आदेश जिला बाल कल्याण समिति दे चुकी थी बावजूद बालिका गृह प्रबंधन इसमें रुचि नहीं ले रहा था। बालिका गृह में रह रहीं 46 लड़कियों में 13 का पता नहीं था। ऐसी युवतियां काफी लंबे समय से यहां रहकर अपने परिजन से मिलने का इंतजार कर रही थी। इन युवतियों के घर के पते की जानकारी लेनी थी। मगर ऐसा नहीं होने से वो यहां रहने को विवश थी। यहां सुबह से लेकर रात तक जो भी इस गृह में आता गंदी नजरों के साथ ही आता था। यहां की लड़कियों को अपनी जागीर समझता और जो उनका विरोध करती उसे जानवरों की तरह बाकी लड़कियों के सामने इस तरह पीटा जाता कि उनकी हिम्मत भी जवाब दे जाती।

बालिका गृह में एक कमरा था जिसका इस्तेमाल ऑपरेशन थिएटर के तौर पर किया जाता था। जिसमें उन लड़कियों का गर्भपात कराया जाता था। जिनका इस पाप-गृह में शारीरिक शोषण होता। शारीरिक शोषण के बाद अगर बच्चियां गर्भवती हो जातीं तो उनका जबरन इसी ऑपरेशन थिएटर में गर्भपात करा दिया जाता था। पुलिस चार्जशीट में जो दूसरा बड़ा खुलासा किया है वो ये है कि यौन शोषण से पहले इस बाल गृह में बच्चियों को 67 किस्म की नशीली दवाइयां और इंजेक्शन लगाए जाते थे। इसका इस्तेमाल लड़कियों को बेहोश करने के लिए होता था। इनमें मिर्गी तक का इंजेक्शन शामिल था। जिसके लगते ही इंसान बेहोश हो जाता है। उसी बेहोशी के आलम में लड़कियों के साथ बलात्कार किया जाता। 

लड़कियों के बयान के आधार पर तैयार की गई चार्जशीट में बच्चियों ने बताया कि उन्हें अक्सर रात में कपड़े उतारकर सोने के लिए कहा जाता था। रात के वक्त बालिका गृह की कई महिला कर्मचारी भी इन लड़कियों का शारीरिक शोषण किया करती थीं। चार्जशीट में कहा गया है कि जब भी कोई लड़की शारीरिक शोषण का विरोध करती थी तो हंटर वाले अंकल यानी कि बृजेश ठाकुर बुरी तरह पीटते और बेहद सख्त सजा दिया करते थे। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम इस जांच पर लगी है। मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम आज पटना में समाज कल्याण विभाग के निदेशालय पहुंची।

इस दौरान टीम ने समाज समाज कल्याण विभाग के निदेशक राज कुमार से मुलाकात और पूछताछ की। समाज कल्याण विभाग ने पूछताछ के बाद सीबीआई को कागजात सौंपा। अब तक जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सीबीआई की टीम ब्रजेश ठाकुर के बालिका गृह से जुड़े हर मामले के दस्तवेज अपने साथ जांच के लिये ले गई है। इससे पहले सीबीआई की टीम ने बुधवार को भी विभाग के प्रधान सचिव से मुलाजात की थी। वहीं, ऐसा माना जा रहा है कि बृजेश ठाकुर इस रेप कांड़ में सिर्फ एक मोहरा है। जब परतों को उधेड़ा जाएगा तो इसमें कई और बड़े नाम सामने आएंगे।

Web Title: muzaffarpur shelter home rape case Girls were forced to Nude sleep

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