मुजफ्फरपुर कांड: जांच में खुलासा, मंत्री मंजू वर्मा और आरोपी ब्रजेश ने जनवरी से अब तक फोन पर 17 बार की बात
By भारती द्विवेदी | Published: August 8, 2018 03:19 AM2018-08-08T03:19:46+5:302018-08-08T03:24:16+5:30
आरोपी की पत्नी ने अपने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पीड़ित बच्चियों के नाम का जिक्र किया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर सख्त टिप्पणी करते हुए बिहार सरकार से आरोपी की पत्नी को गिरफ्तार करने को कहा है।
नई दिल्ली, 8 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण मामले में हर दिन कोई नया खुलासा हो रहा है। शुरुआती जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बीच जनवरी से अब तक 17 बार फोन पर बात हुई है। आरोपी ब्रजेश ठाकुर के कॉल्स डिटेल से इस बात का खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच में ये बात समाने आई है कि मंजू वर्मा के पति चंद्रेश्वर वर्मा मामले के मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर के संपर्क में थे। इसे खुलासे के बाद मंत्री पर इस्तीफा का दवाब बढ़ता दिख रहा है।
वहीं मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की पत्नी पर कानूनी शिंकजा कसता दिख रहा है। दरअसल, आरोपी की पत्नी ने अपने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पीड़ित बच्चियों के नाम का जिक्र किया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर सख्त टिप्पणी करते हुए बिहार सरकार से आरोपी की पत्नी को गिरफ्तार करने को कहा है। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के बलात्कार मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपी की पत्नी द्वारा फेसबुक पर विक्टिम का नाम उजागर करना बेहद गंभीर है। साथ ही कोर्ट ने फेसबुक पोस्ट से पीड़ितों का नाम तत्काल हटाए जाने और पोस्ट करने वाली आरोपी की पत्नी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप की पूरी टाइमलाइन:
अप्रैल- मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) ने अप्रैल में बिहार सरकार के राज्य के शेल्टर होम से जुड़ी सोशल ऑडिट रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को सौंपी।
26 मई– टीस्स की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों से यौन शोषण का खुलासा। जिसके बाद समाज कल्याण विभाग ने मुजफ्फरपुर प्रशासन को रिपोर्ट भेजी।
28 मई– मुजफ्फरपुर के साहू रोड स्थित बालिका गृह के संचालक एनजीओ के खिलाफ एफआईआर की अनुमति।
30 मई- बालिका गृह की सभी 42 लड़कियों को पटना, मधुबनी और राज्य के बाकी शेल्टर होम में भेजा गया।
31- जिला बाल सुरक्षा इकाई के सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा ने मुजफ्फरपुर महिला थाने में एनजीओ के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया।
3 जून- एनजीओ संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत एनजीओ में काम करनेवाली आठ महिला आरोपी गिरफ्तार।
26 जून- मुजफ्फरपुर जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रौशन लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार।
19 जुलाई- पटना मेडिकल कॉलेज (पीएमसीएच) ने लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस को सौंपी।रिपोर्ट में 21 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि।
23 जुलाई- एनफोल्ड इंडिया हैदराबाद और एम्स के डॉक्टरों की टीम लड़कियों के इलाज के लिए पटना पहुंची।
23 जुलाई- बयान में लड़कियों ने एक लड़की की हत्याकर बालिका गृह में ही दफनाए जाना का खुलासा किया। बयान के बाद मुजफ्फरपुर बालिका गृह परिसर में खुदाई की गई। मिट्टी को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया।
26 जुलाई- नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव गृह और डीजीपी को ये आदेश दिया है कि ये केस सीबीआई को सौंपा जाया।
29 जुलाई- मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड में सीबीआई ने राज्य सरकार की सिफारिश के बाद एफआइआर दर्ज किया।
2 अगस्त- सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप मामले में स्वत: संज्ञान लिया। मोदी सरकार और नीतीश सरकार को नोटिस भेजा विस्तृत जवाब मांगा।
2 अगस्त- मुजफ्फरपुर में बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बंद का आह्नान किया। वाम दल के बिहार बंद को मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का (राजद) और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की।
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