मर्डर मिस्ट्रीः तो क्या अनसुलझा ही रह जाएगा प्रद्युम्न हत्याकांड!
By आदित्य द्विवेदी | Updated: December 14, 2017 16:12 IST2017-12-14T13:13:18+5:302017-12-14T16:12:31+5:30
चर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर के कातिलों का आज तक पता नहीं चल सका। क्या उसी राह पर है चल पड़ा है रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले आठ साल के मासूम प्रद्युम्न ठाकुर का हत्याकांड

मर्डर मिस्ट्रीः तो क्या अनसुलझा ही रह जाएगा प्रद्युम्न हत्याकांड!
गुरुग्राम के नामी रेयान इंटरनेशनल स्कूल में एक आठ साल के बच्चे की मौत हो जाती है। राजधानी से सटे होने की वजह से मीडिया में घटना छा जाती है। पुलिस प्रशासन पर दबाव पड़ता है तो वो फौरन का़तिल भी ढूंढ निकालती है। पुलिस की ऐसी जल्दबाजी पर प्रद्युम्न के पिता को ऐतबार नहीं होता। वो सीबीआई जांच की मांग करते हैं। सीबीआई मामले को अपने हाथ में लेती है और इस मर्डर मिस्ट्री की पूरी थियरी ही बदल जाती है। क्या एक और मर्डर अनसुलझे रहस्य की तरफ बढ़ रहा है। ‘मर्डर मिस्ट्री’ में आज प्रद्युम्न मर्डर केस की पूरी कहानी...
8 सितंबर की सुबह गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल का माहौल रोज की तरह सामान्य था। 8 वर्षीय प्रद्युम्न भी अपने पिता के साथ स्कूल पहुंचा। बच्चे को छोड़कर पिता घर पहुंचे ही थे कि स्कूल से कॉल आई, ‘प्रद्युम्न की तबियत बहुत खराब है।’ वो उल्टे पांव स्कूल पहुंचे तो पता चला बच्चे को अस्पताल ले जाया गया है। अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उस मासूम की मौत हो गई है।
डॉक्टरों ने पाया कि किसी धारदार हथियार से आठ साल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या की गई है। स्कूल के सीसीटीवी फुटेज में प्रद्युम्न टॉयलेट के बाहर रेंगता हुआ दिखाई पड़ रहा था।
पुलिस ने प्रद्युम्न की हत्या के इल्जाम में स्कूल बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार कर लिया। अशोक ने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया। पुलिस ने बताया कि कंडक्टर अशोक मासूम का यौन शोषण करना चाहता था। अपने मंसूबों में नाकाम रहने और पोल खुल जाने के डर से उसने प्रद्युम्न को मार दिया। पुलिस ने चाकू भी बरामद कर लिया। लेकिन प्रद्युम्न के पिता का कहना था कि वो नहीं मान सकते की बस कंडक्टर ने प्रद्युम्न की हत्या की है। उन्होंने स्कूल प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की।
इस हत्या के बाद ना सिर्फ गुड़गांव में बल्कि पूरे देश में गुस्से का माहौल था। लोगों के आक्रोश को देखते हुए हरियाणा सरकार ने केस की जांच सीबीआई के हवाले कर दी।
सीबीआई ने जांच के बाद जो थियरी पेश की उसका किसी को अंदाजा भी नहीं था। सीबीआई के अनुसार प्रद्युम्न की हत्या रेयान इंटरनेशनल स्कूल में ही पढ़ने वाले 11वीं के एक छात्र ने की है। सीबीआई का कहना है कि छात्र ने किसी को मारने की योजना पहले से ही बना रखी थी। लेकिन उसने अपना टारगेट डिसाइड नहीं किया था। प्रद्युम्न उस वक्त टॉयलेट से बाहर आ रहा था और वो छात्र की साजिश का शिकार हो गया। जांच में यह भी पाया गया कि आरोपी छात्र का पिछले एक साल से मनोचिकित्सक से इलाज चल रहा था। छात्र को ज्यादा गुस्सा आने की शिकायत है। सीबीआई का कहना है कि आरोपी छात्र ने अपने पिता के सामने इकबालिया बयान दिया है कि उसी ने प्रद्युम्न का मर्डर किया।
आरोपी छात्र के पिता का कहना है कि उनके बेटे ने कोई मर्डर नहीं किया बल्कि जब उसने टॉयलेट के पास प्रद्युम्न की बॉडी देखी तो दौड़कर माली को बुलाने गया था। वो पूरे दिन स्कूल में ही रुका रहा और उसके कपड़े से खून का कोई निशान भी नहीं मिला है।
एक मर्डर। दो आरोपी। दो क्राइम थ्योरी। किस पर भरोसा करें? प्राथमिक पुलिसिया जांच पर या बाद की सीबीआई जांच पर। अगर छात्र दोषी है तो अशोक को इतनी बड़ी बेइज्जती और सजा क्यों मिली? अगर कंडक्टर ही दोषी है तो फिर 11वीं में पढ़ने वाले एक मासूम छात्र की ज़िंदगी और करियर से खिलवाड़ क्यों? इस उलझी हुई मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी सुलझने की ही उम्मीद की जानी चाहिए।
इस स्टोरी पर अपनी राय हमें जरूर बताइएगा!