मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सहमे मुख्तार अंसारी, जेल में इन गैंगस्टर्स की भी अटकी सांसें!
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 12, 2018 08:38 AM2018-07-12T08:38:05+5:302018-07-12T08:38:05+5:30
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद यूपी की अधिकांश जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
लखनऊ, 12 जुलाईः बागपत जेल में डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद कई गैंगस्टर सहमे हुए हैं। मुन्ना के पुराने सहयोगी बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी जेल में अपनी बैरक से बाहर भी नहीं निकल रहे। अंसारी इस वक्त बांदा जेल के बैरक नंबर 15-16 में कैद हैं। जेलर वी.एस. त्रिपाठी के मुताबिक बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या का डर बांदा जेल में कैद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी तक पहुंच चुका है। वो दो दिन से बैरक से बाहर नहीं निकले और ना ही किसी से मिलने की इच्छा जताई। वो ठीक से खाना भी नहीं खा रहे हैं। हालांकि जेलर ने कहा कि उनकी सुरक्षा की त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद यूपी की अधिकांश जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बता दें कि बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी 30 मार्च 2017 से बांदा जेल में कैद हैं। उन्हें जेल में दिल का दौरा भी पड़ा था जिसके बाद भाई ने ईलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था।
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यूपी की जेलों में बंद अपराधियों की अटकी सांसेंः-
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद शातिर अपराधियों की भी सांसें अटकी हुई हैं। इनमें पूर्वांचल में अपराध जगत के कई चर्चित नाम भी शामिल हैं। एमएलसी बृजेश सिंह शिवपुर की सेंट्रल जेल में निरुद्ध हैं तो उनके करीबी त्रिभुवन सिंह मिर्जापुर जेल में निरुद्ध हैं। आगरा जेल में विधायक मुख्तार अंसारी निरुद्ध हैं और सुभाष ठाकुर फतेहगढ़ जेल में निरुद्ध हैं। करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में मिर्जापुर जेल में चंदौली का निलंबित एआरटीओ आरएस यादव निरुद्ध है।
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पूर्वांचल में फिर गैंगवार की आशंकाः-
अंतरराज्यीय गैंग नंबर 233 के मुखिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद पूर्वांचल में गैंगवार छिड़ने की आशंका है। मंगलवार को मणिकर्णिका घाट पर मुन्ना बजरंगी का अंतिम संस्कार किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गैंग के कुछ सदस्यों ने बदला लेने का प्रण किया है। काम को अंजाम देने के लिए मुंबई से शूटर तलाश किए जा रहे हैं। मुन्ना बजरंगी ने 1995 से 2008 के बीच अपराध जगह में शूटरों की नई खेप पैदा की थी लेकिन जेल जाने के बाद उसका गैंग कमजोर हो गया था। पुष्पजीत सिंह उर्फ पीजे, मोहम्मद तारिक और अब मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद इस गिरोह के गुर्गों को खुद की जान का भय सताने लगा है।
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