ट्रेन में अपने एक अधिकारी और 3 यात्रियों की हत्या करने वाले रेलवे सिपाही चेतन सिंह की 'ठीक है दिमागी हालत', 'रिपोर्ट का दावा
By रुस्तम राणा | Published: August 8, 2023 06:43 PM2023-08-08T18:43:32+5:302023-08-08T18:49:17+5:30
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीआरपी ने 8 अगस्त को बोरीवली अदालत को बताया कि चेतन कुमार सिंह का मानसिक स्वास्थ्य ठीक है और इसलिए उन्हें 11 अगस्त तक हिरासत में रखा गया है।
मुंबई: चलती ट्रेन में हुई फायरिंग की घटना में 4 लोगों की मौत मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। मिड-डे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पिछले हफ्ते एक ट्रेन में चार लोगों की हत्या के आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल चेतन कुमार सिंह पर अब दुश्मनी को बढ़ावा देने का भी मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीआरपी ने 8 अगस्त को बोरीवली अदालत को बताया कि चेतन कुमार सिंह का मानसिक स्वास्थ्य ठीक है और इसलिए आरोपी सिपाही को 11 अगस्त तक हिरासत में रखा गया है।
इससे पहले सोमवार को सिंह को बोरीवली मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की हिरासत में भेज दिया। 31 जुलाई को, सिंह ने जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी।
घटना के बाद, किसी ने आपातकालीन चेन खींच दी और वह ट्रेन से भाग गया। हालांकि, बाद में उसे जीआरपी अधिकारियों ने बाहर पकड़ लिया था। उसकी हिरासत की मांग करते हुए जीआरपी अधिकारियों ने अदालत से कहा कि उन्हें अभी तक पूरी ट्रेन यात्रा का सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला है। इसके अलावा जीआरपी अधिकारियों ने अदालत को बताया कि वे यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या सिंह को किसी ने अपराध करने के लिए उकसाया था?
एफआईआर में जोड़ी गईं ये नई धाराएं
पिछले आरोपों के अलावा, सिंह के खिलाफ बोरीवली जीआरपी ने एफआईआर में आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) को जोड़ा है।
साथ ही, मामले के एक गवाह जाफर खान के बयान के आधार पर आईपीसी की धारा 363 (अपहरण के लिए सजा), 341 (गलत तरीके से रोकने के लिए सजा), और 342 (गलत तरीके से कैद करने के लिए सजा) जोड़ी गई है।
समुदाय विशेष के प्रति भरी है नफरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि खान ने अपने बयान में जीआरपी को बताया कि सिंह ने बी2 कोच से बंदूक की नोक पर एक मृत यात्री सैयद सैफुद्दीन को लिया और पेंट्री के पास उसे करीब से गोली मार दी। मिड-डे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह को चार मासूम लोगों की हत्या का कोई अफसोस नहीं है।
सिंह ने जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों से कहा कि अगर ट्रेन नहीं रुकती तो वह आठ-दस और लोगों को मार देता। उसने कहा है कि उसकी अंतिम इच्छा पाकिस्तान जाना और वहां सभी को मार डालना है।
सूत्र ने कहा, “यही कारण है कि गिरफ्तारी के बाद जब उन्हें कूपर अस्पताल ले जाया गया तो उन्होंने दाढ़ी वाले डॉक्टर (एक प्रशिक्षु) से मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया। उसने सोचा कि वह मुसलमान है। जब बिना दाढ़ी वाले अन्य युवा डॉक्टरों को बुलाया गया, तो उसने कोई विरोध नहीं किया।''
आरोपी के वकील का दावा उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं
दूसरी ओर, बोरीवली बार एसोसिएशन के सचिव - सिंह के वकील सुरेंद्र लांडगे - ने दावा किया है कि आरपीएफ कांस्टेबल मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उन्होंने कहा, ''अपराध के समय वह होश में नहीं था।''