उद्योगपति सज्जन जिंदल को रेप केस में मुंबई पुलिस ने दी क्लीन चिट, कहा- 'सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 18, 2024 10:36 AM2024-03-18T10:36:23+5:302024-03-18T10:40:33+5:30

उद्योगपति सज्जन जिंदल पर लगे बलात्कार के केस में मुंबई पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट देते हुए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है।

Mumbai Police gives clean chit to industrialist Sajjan Jindal in rape case, says 'All allegations are false and baseless' | उद्योगपति सज्जन जिंदल को रेप केस में मुंबई पुलिस ने दी क्लीन चिट, कहा- 'सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद'

फाइल फोटो

Highlightsउद्योगपति सज्जन जिंदल पर लगे बलात्कार के केस में मुंबई पुलिस ने दी क्लीन चिटमुंबई पुलिस ने कहा कि जिंदल के खिलाफ लगा रेप का आरोप न केवल झूठा बल्कि बेबुनियाद है'पीड़िता' की शिकायत पर कई गई जांच में पाया गया कि जिंदल को गलत इरादों से 'फंसाया' गया था

मुंबई: उद्योगपति सज्जन जिंदल पिछले साल दिसंबर में जिस बलात्कार के केस में फंसे थे। मुंबई पुलिस ने उन्हें मामले में क्लीन चिट देते हुए कोर्ट में अपने जांच की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा कि सज्जन जिंदल के खिलाफ लगाये रेप के आरोप न केवल झूठे हैं बल्कि पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।

इतना ही नहीं मुंबई पुलिस ने यह भी कहा कि कथित पीड़िता द्वारा लगाये गये शिकायत की जांच में यह बात सामने आयी है कि सज्जन जिंदल को गलत इरादों से 'फंसाया' जा रहा था।

समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार मुंबई पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में बेहद स्पष्ट शब्दों में कोर्ट को बताया है कि जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन और एमडी सज्जन जिंदल को रेप केस में उसकी ओर से की गई जांच में क्लीन चिट दी जा रही है।

बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस ने उद्योगपति जिंदल के केस में अपनी क्लोजर रिपोर्ट बीके 16 मार्च को बांद्रा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में प्रस्तुत कर दी है।

मामले में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) पुलिस की मुख्य भूमिका रही क्योंकि उसे ही रेप के आरोप की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। बीकेसी पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जिंदल कथित घटना वाले दिन उस होटल में गए ही नहीं थे। जहां पर उनके द्वारा रेप का आरोप लगाया जा रहा था। पुलिस ने इस बात को परखने के लिए होटल में गवाहों से गवाही भी कराई है।

इसके अलावा मामले के जांचकर्ताओं ने जनवरी 2022 में हुआ कथित रेप की घटना के बाद दिसंबर 2023 में जिंदल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बीच लगभग दो साल के अंतर को भी संदिग्ध माना है। इसके अतिरिक्त जांच में यह बात भी सामने आयी है कि पीड़िता ने एफआईआर में जिंदल पर रेप किये जाने का सबूत पेश करने में विफल रही और और पुलिस द्वारा बार-बार अदालत को लिखने के बावजूद अपना बयान भी दर्ज नहीं कराया।

इस कारण से गवाहों की गवाही और जांच में एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि पीड़िता के साथ उद्योगपति सज्जन जिंदल ने रेप जैसा कोई 'गलत काम' नहीं किया था और अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर मेट्रोपॉलिटन अदालत से मामले में फैसला देने का अनुरोध किया है।

वहीं केस के दौरान उद्योगपति जिंदल ने बलात्कार के आरोपों को 'झूठा और निराधार' बताते हुए कहा था कि वो इस मामले में कानून एजेंसियों के जांच में अपना पूरा सहयोग देंगे। जिंदल के खिलाफ एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज की गई थी।

Web Title: Mumbai Police gives clean chit to industrialist Sajjan Jindal in rape case, says 'All allegations are false and baseless'

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