Mainpuri: 1981 में 24 दलितों की हत्या, 2025 में 60 साल के कप्तान सिंह, 60 साल के रामपाल और 70 वर्षीय राम सेवक को फांसी?, 44 साल बाद न्याय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 18, 2025 18:14 IST2025-03-18T18:13:48+5:302025-03-18T18:14:44+5:30
Mainpuri: सरकारी वकील रोहित शुक्ला ने बताया कि 18 नवंबर 1981 को हुई जनसंहार की इस घटना में छह महीने और दो साल की उम्र के दो बच्चों समेत 24 दलितों की डकैतों के एक गिरोह ने हत्या कर दी थी।

सांकेतिक फोटो
Mainpuri: मैनपुरी जिले की एक विशेष अदालत ने 1981 के देहुली जनसंहार मामले में तीन लोगों को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। सरकारी वकील रोहित शुक्ला ने बताया कि 18 नवंबर 1981 को हुई जनसंहार की इस घटना में छह महीने और दो साल की उम्र के दो बच्चों समेत 24 दलितों की डकैतों के एक गिरोह ने हत्या कर दी थी।
उन्होंने बताया कि विशेष न्यायाधीश इंदिरा सिंह ने इस मामले में कप्तान सिंह (60), रामपाल (60) और राम सेवक (70) को दोषी ठहराते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई। अदालत ने दोषियों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। शुक्ला ने बताया कि 18 नवंबर 1981 की शाम को पुलिस की वर्दी पहने 17 डकैतों के एक गिरोह ने मैनपुरी के देहुली में 24 दलितों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
दर्ज मुकदमे में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 396 (हत्या के साथ डकैती) के तहत 17 आरोपियों के नाम थे। चार दशकों से अधिक समय तक चले मुकदमे की प्रक्रिया के दौरान उनमें से 14 आरोपियों की मौत हो गई।