महाराष्ट्रः 10वीं का पेपर खराब होने पर तीन छात्राओं ने गटक ली चूहे मारने की दवा, दो की मौत
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 25, 2019 08:52 AM2019-02-25T08:52:55+5:302019-02-25T08:52:55+5:30
खामगांव, 24 फरवरीः कक्षा दसवीं का प्रैक्टिल खराब होने के बाद सता रही परीक्षा की चिंता के चलते यहां की तीन छात्राओं ने चूहे मारने की दवा गटक ली. तीनों को यहां के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनमें दो की हालत चिंताजनक देख उन्हें अकोला के सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया, जहां उपचार शुरू रहते रविवार को दोनों की मौत हो गई. तीसरी छात्रा ने रविवार दोपहर बाद पुलिस को दिए बयान में घटना का खुलासा किया.
स्थानीय अ. खि. नैशनल हाइस्कूल की कक्षा दसवीं की छात्रा चिंतामणि नगर परिसर की निवासी नयना सदसशिव शिंदे (17), किसन नगर की रहनेवाली निकिता अनिल रोहणकार (17) और गोपाल नगर की निवासी रूपाली किशोर उनवने (17) 22 फरवरी को कक्षा दसवीं के प्रैक्टिकल की प्रक्रिया पूरी कर घर लौट गईं. घर पहुंचने के बाद तीनों की तबीयत खराब होने से उन्हें तत्काल यहां के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया. इनमें नयना शिंदे एवं निकिता रोहणकार की हालत गंभीर रहते रविवार देर रात उन्हें अकोला के सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया, जहां उपचार शुरू रहते रविवार की सुबह 10 बजे दोनों ने दम तोड़ दिया.
खामगांव के सरकारी अस्पताल में रूपाली उनवने का इलाज जारी है. आज दोपहर बाद उसके अच्छी तरह होश में आने के बाद उसका बयान लिया गया, जिसमें उसने बताया कि, कक्षा दसवीं का प्रैक्टिकल खराब होने के बाद उन्हें परीक्षा को लेकर तनाव हो गया था, जिसके चलते तीनों ने चूहे मारने की दवा खा ली. संतोष ताले, पुलिस निरीक्षक, शहर पुलिस थाना, खामगांव.
आरंभिक रूप से यही जानकारी सामने आई कि, 22 फरवरी को स्कूल से घर लौटने से पहले तीनों ने गोल-गप्पे (पानीपुरी) खाए थे, जिसकी वजह से वे विषबाधा का शिकार हुईं तथापि दोनों की मौत का कारण पानीपुरी से विषबाधा किसी के गले नहीं उतर रहा था. इस दरमियान रविवार की दोपहर बाद खामगांव के सरकारी अस्पताल में भर्ती रूपाली उनवने ने पुलिस को दिए बयान में खुलासा किया कि, दरअसल 22 फरवरी को प्रैक्टिकल के खराब रहने और परीक्षा के दौरान पर्चे भी खराब होने की चिंता को लेकर तीनों ने स्कूल के समीप चूहे मारने की दवा गटकी थी.