महंत नरेंद्र गिरि की मौतः उत्तर प्रदेश का हाल, चार साल और 42 साधु की हत्या, जानिए क्या है कारण...
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 23, 2021 08:53 PM2021-09-23T20:53:28+5:302021-09-23T20:56:53+5:30
कांग्रेस ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या के मामले को लेकर त्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
प्रयागराजः अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीति गहमागहमी तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार पर कई हमले किए हैं। कांग्रेस ने कहा कि इस राज्य में साधु-संत भी सेफ नहीं है। आम जनता का क्या हाल हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में चार साल के भीतर 42 साधु-संत की हत्या हुई है। 2021 में सुलतानपुर जिले के थाना बल्दीराय क्षेत्र में साधु बद्रीनाथ मिश्र (45) की पीट-पीटकर हत्या की गई थी। उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के मुण्डाली थाना क्षेत्र के गांव बढ़ला कैथवाड़ा में एक साधु की हत्या कर दी गई।
2019 में श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत आशीष गिरि की संदिग्ध हालत में मौत हुई थी। 2018 में देवरिया में साधु सुज्जाराम, रायबरेली में पुजारी प्रेमदास की हत्या चर्चा में रही। 2019 में रायबरेली में राम जानकी मंदिर के पुजारी प्रेमदास की हत्या गेट पर लटका मिला था।
बदायूं जिले के एक गांव में 70 साल के बुजुर्ग साधु का शव मिला था, जिसका चेहरा कुचला हुआ था और शरीर के कई अंग जले हुए थे। पुलिस ने बताया कि शव अर्धनग्न अवस्था में मिला। उसका पैर और जननांग जले हुए थे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने 2 साल में 20 साधुओं की हत्या का दावा किया है।
फिरोजाबाद नगर के थाना कोतवाली उत्तर में स्थित गोपाल आश्रम मंदिर से चोरों ने गुल्लक में रखी नकदी चुरा ली। सूचना मिलने पर पुलिस ने जब तलाशी ली तो मंदिर परिसर में बने एक कमरे में वर्षों से रह रहे साधु का शव भी मिला। 23 जनवरी 2021 को पीलीभीत जिले के दियोरिया कला थाना क्षेत्र के सिंधौरा गांव में एक नागा साधु की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया था।
21 नवम्बर 2020 को मथुरा जिले के गोवर्धन क्षेत्र में गिरिराज बाग के पीछे स्थित एक आश्रम में शनिवार सुबह दो साधुओं की संदिग्ध हालत में मौत हो गई, जबकि तीसरे साधु को गंभीर स्थिति में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले की जांच उच्च न्यायालय की देखरेख में सीबीआई से कराने की मांग की। लल्लू ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार दिवंगत महंत के अनुयायियों को भटका रही है, सच जनता से छिपाने का प्रयास किया जा रहा है जो गलत है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘पुलिस प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के कैसे तय किया कि यह मामला हत्या का है या आत्महत्या का। दिवंगत महंत के साथ रहने वालों का कहना है कि वह लिखना नहीं जानते थे, ऐसे में उन्होंने सुसाइड नोट कैसे लिखा?’’