अबू सलेम को झटका, जेल से बाहर नहीं आएगा, लिस्बन अदालत ने याचिका खारिज की, कोर्ट ने कहा-भारत में प्रत्यर्पण की शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ
By भाषा | Published: April 24, 2020 09:43 PM2020-04-24T21:43:34+5:302020-04-24T21:43:34+5:30
अबू सलेम 1995 में बिल्डर प्रदीप जैन हत्या केस और 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों में दोषी पाया गया था और 25 साल कैद की सजा काट रहा है। सलेम को पुर्तगाल के लिस्बन में 20 सितंबर 2002 में गिरफ्तार किया गया था।
नई दिल्लीः लिस्बन की एक अदालत ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले के दोषी अबू सलेम की वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उसने दावा किया था कि उसके प्रत्यर्पण की शर्तों का भारत ने उल्लंघन किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि गैंगस्टर सलेम की याचिका खारिज करते हुए लिस्बन प्रशासनिक अदालत 5 आर्गेनिक इकाई ने कहा कि उसके पास इस विषय का अधिकार क्षेत्र नहीं है। अदालत ने कहा कि यह विषय राजनीतिक और कूटनीतिक प्रकृति का है। साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आता है।
सलेम को 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित करा कर भारत लाया गया था। उसने उच्चतम न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका दायर कर कहा था कि उसके प्रत्यर्पण की शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है। शीर्ष न्यायालय ने 10 सितंबर 2010 के अपने आदेश में उसकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उसके प्रत्यर्पण की शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
सलेम ने यही मुद्दा पुर्तगाल की अदालत के समक्ष भी उठाया। अंतत: पुर्तगाल की संवैधानिक अदालत ने पाया कि इस विषय का दोनों संप्रभु राष्ट्रों के बीच राजनीतिक एवं कूटनीतिक रूप से निपटारा करने की जरूरत है। उसने एक बार फिर भारत में उच्चतम न्यायालय में यह मुद्दा उठाया लेकिन शीर्ष न्यायालय ने कहा कि प्रत्यर्पण की शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। इसके बाद उसने लिस्बन प्रशासनिक अदालत में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत ने ‘प्रिंसिपल ऑफ स्पेशएलिटी’ का उल्लंघन किया है।
उल्लेखनीय है कि यह एक कानूनी व्यवस्था है जो यह कहती है कि किसी खास आरोप को लेकर प्रत्यर्पित किये गये व्यक्ति पर अलग आरोपों के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। सलेम को मुंबई विस्फोट मामले में 25 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। विस्फोट की इस घटना में 257 लोगों की मौत हुई थी और 700 लोग घायल हुए थे। उसने अभिनेता संजय दत्त को तीन एके-56 राइफलें और गोलाबारूद तथा हथगोलों की भी आपूर्ति की थी।