कठुआ गैंगरेप: आठ साल की बच्ची से गैंगरेप मामले एक साल बाद आया फैसला, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?
By स्वाति सिंह | Published: June 10, 2019 11:33 AM2019-06-10T11:33:43+5:302019-06-10T11:48:08+5:30
कठुआ में नाबालिग बच्ची के रेप और मर्डर केस की पंजाब के पठानकोट की अदालत में चल रही सुनवाई 3 जून को पूरी हो गई । आज फैसला सुनाया जा सकता है।
जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में एक विशेष अदालत सोमवार को फैसला सुनाएगी। देश को चौका देने वाले इस मामले में बंद कमरे में सुनवाई तीन जून को पूरी हुई। न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने घोषणा की थी कि 10 जून को फैसला सुनाया जा सकता है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि कठुआ में फैसला सुनाये जाने के मद्देनजर अदालत और उसके आसपास कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं।
10 जनवरी को बच्ची हुई थी अगवा
पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई लड़की से कठुआ जिले के एक छोटे से गांव के मंदिर में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया गया। उसे चार दिनों तक बेहोशी की हालत में रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई।
17 जनवरी को मिला बच्ची का शव
17 जनवरी को जंगल में उस बच्ची की लाश मिली थी। जिसके बाद मेडिकल रिपोर्ट में पता चला था कि बच्ची के साथ कई बार कई दिनों तक गैंगरेप हुआ है और पत्थरों से मारकर उसकी हत्या की गई है।
इसके बाद देशभर में काफी बवाल मचा था। मामले के सामने आते ही 15 पन्नों की चार्जशीट दायर हुई थी। जम्मू कश्मीर के कठुआ मामले को लेकर पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में कई चौकाने वाले खुलासे हुए थे।
पुलिस चार्जशीट के मुताबिक गांव के ही एक मंदिर में बच्ची के साथ छह लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बच्ची की हत्या करने से ठीक पहले भी उसके साथ दोबारा रेप किया था।
केस पठानकोट हुआ ट्रांसफर
मामले में रोजाना आधार पर सुनवाई पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला और सत्र अदालत में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में शुरू हुई थी।
उच्चतम न्यायालय ने मामले को जम्मू कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया था जिसके बाद जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पठानकोट की अदालत में मामले को भेजा गया।
शीर्ष अदालत का आदेश तब आया जब कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था।
BJP के दो मंत्री को किया था बर्खास्त
मामला पीडीपी-भाजपा की तत्कालीन सरकार के लिये विवाद का विषय बन गया था। मामले में अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार लोगों के समर्थन में हिंदू एकता मंच की रैली में भाग लेने के लिए भाजपा को अपने दो मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा को बर्खास्त करना पड़ा था।
आठ आरोपियों में एक नाबालिग, सात पर आरोप दर्ज
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया।
सांजी राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लेने और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के मामले में हैड कांस्टेबल तिलक राज एवं एसआई आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया। जिला और सत्र न्यायाधीश ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय किए ये हैं।
किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय सुनवाई करेगा। अगर आरोपियों को दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें कम से कम उम्रकैद और अधिकतम मौत की सजा सुनाई जा सकती है।
3 जून को पूरी हुई सुनवाई
कठुआ में नाबालिग बच्ची के रेप और मर्डर केस की पंजाब के पठानकोट की अदालत में चल रही सुनवाई 3 जून को पूरी हो गई । केस के फैसले को सुरक्षित रख लिया गया।