कर्नाटक: महिला कांग्रेस नेता के फोटो-वीडियो को एडिट कर किया गया छेड़छाड़, अश्लील टिप्पणी के साथ पोस्ट हुआ शेयर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 23, 2022 02:49 PM2022-10-23T14:49:03+5:302022-10-23T15:28:43+5:30
आरोप के मुताबिक, सुराथकाल में 18 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान खींचे गये फोटो एवं बनाये गये वीडियो में संपादन किया गया है और उसे अश्लील तरीके से सोशल मीडिया पर डाला गया है। पीड़ित के अनुसार, आरोपी ने पुलिस से घिरी उनकी तस्वीर भी अश्लील टिप्पणी के साथ पोस्ट कर दी है।
बेंगलुरु:कांग्रेस नेता प्रतिभा कुलई की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक तरीके से अपलोड करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ यहां महिला थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि कुलई की शिकायत के आधार पर स्थानीय निवासी श्याम सुंदर भट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
एडिट किए हुए फोटो और वीडियो को गलत तरीके से शेयर किया
कुलई ने शिकायत की थी कि इस व्यक्ति ने सुराथकाल में 18 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान खींचे गये फोटो एवं बनाये गये वीडियो में संपादन किया और उसे अश्लील तरीके से सोशल मीडिया पर डाल दिया। उनके अनुसार आरोपी ने पुलिस से घिरी उनकी तस्वीर भी अश्लील टिप्पणी के साथ पोस्ट कर दी।
पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है
ऐसे में कुलई ने मांग की थी कि उनका शील भंग करने, उन्हें अपमानित करने और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनकी छवि को ठेस पहुंचाने वाले व्यक्ति के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने बताया कि पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है और उसका जल्द पता लगा लिया जायेगा।
मल्लिकार्जुन खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से दलित वोट मजबूज होगा
मल्लिकार्जुन खरगे को कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने के बाद उनके गृह राज्य कर्नाटक में इसके राजनीतिक असर पर सभी की निगाहें टिकी हैं और पार्टी को इस बदलाव के कारण उसका दलित वोट आधार मजबूत होने की उम्मीद है।
राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि अनुभवी नेता खरगे की मध्यस्थता से राज्य में गुटों में बंटी पार्टी को एकजुट करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि खरगे, जगजीवन राम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। राज्य में आबादी का लगभग 24 प्रतिशत हिस्सा दलित समुदाय से संबंध रखता है और इस समुदाय के 100 से अधिक जातीय समूह हैं।
पिछले कुछ सालों में कांग्रेस के हाथ से दलित वोट दूर हुआ है
पार्टी के कुछ अंदरूनी सूत्रों और राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, दलित समुदाय के बीच कांग्रेस का आधार पिछले कुछ वर्षों में सिकुड़ गया है। इसका एक कारण हाल के वर्षों में समुदाय के एक हिस्से का ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और विकास के एजेंडे पर उनके जोर देने के कारण’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर आकर्षित होना है।