झारखंडः खूंटी में पांच महिलाओं से गैंगरेप में मामले में नया मोड़, चश्मदीद ने बताई पूरी कहानी
By एस पी सिन्हा | Published: July 8, 2018 06:24 PM2018-07-08T18:24:58+5:302018-07-08T18:24:58+5:30
उस समय की चश्मदीद रहीं आशा किरण संस्था की संचालिका सिस्टर रंजीता किंडो ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अपना लिखित बयान भेजा है. इसमें उन्होंने घटना की विस्तृत जानकारी दी है।
रांची, 8 जुलाईः झारखंड के खूंटी जिले के कोचांग थाना क्षेत्र में पांच महिलाओं के साथ पिछले दिनों हुई गैंगरेप के मामले में अब नये तथ्य सामने आये हैं। मिशन स्कूल कोचांग में जिस वक्त महिलाओं का अपराधियों द्वारा अपहरण किया जा रहा था उस समय की चश्मदीद रहीं आशा किरण संस्था की संचालिका सिस्टर रंजीता किंडो ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अपना लिखित बयान भेजा है. इसमें उन्होंने घटना की विस्तृत जानकारी दी है।
सिस्टर रंजीता किंडो ने अपने लिखित बयान में कहा है कि 19 जून को अचानक लोगों से पूछते हुए हमलोग कोचांग स्थित चर्च पहुंच गये। एक टीचर से फादर के बारे में जानकारी ली। उस वक्त फादर अल्फोंस आइंद सिस्टरों के कॉन्वेंट में गये हुए थे, नई सिस्टर के स्वागत के लिए। फादर से उनके स्कूल में मानव तस्करी के खिलाफ नुक्कड नाटक की इजाजत मांगी तो वे तैयार हो गये। डेढ़ बजे स्कूल में नुक्कड नाटक का मंचन शुरू हुआ। 10-15 मिनट नाटक चला ही था कि एक तेज आवाज वाली मोटरसाइकिल पर दो व्यक्ति स्कूल मैदान में पहुंचे। दो चक्कर लगाकर वे मैदान में ही रुक गये। इसके बाद एक और बाइक पर तीन लोग आये। उनमें से एक ने कड़क आवाज में कहा,- ‘आप सब इधर आयें।’
पहले संजय शर्मा उनके पास गया फिर हम सबको बुलाया। सभी डरते हुए उनके पास गये। इसके बाद अपराधियों में से एक ने एक गांव के नाम का उल्लेख करते हुए पूछा कि कौन है? आदिवासी दस्तूर के मुताबिक, बहू को उनके मायके के नाम से पुकारा जाता है। इस पर नुक्कड नाटक मंडली में शामिल महिला ने कहा,- ‘मैं हूं’।
यह भी पढ़ेंः- झारखंड खूंटी गैंगरेप: आरोपी निकला उग्रवादी संगठन का एरिया कमांडर, पुलिस ने जारी किया स्कैच
इसके बाद अपराधी उससे मुंडारी भाषा में बात करने लगे। फिर गाडी की चाबी ली। सबका मोबाइल छीन लिया। इसके बाद सबको गाडी में बैठने का हुक्म दिया। तभी फादर अल्फोंस आइंद ने हाथ जोडकर अपराधियों से कहा कि जो कहना है यहीं कहो। इनको मत ले जाओ। मैं भी बोली,- ‘भैया माफ कर दीजिये। हम यहां पहली बार आये हैं। हमसे गलती हो गई. ऐसा और नहीं करेंगे। हम बहुत दूर से बाजार में नुक्कड नाटक करने बाजार आये थे। इसलिए हमने सोचा कि इस स्कूल के बच्चों को भी नाटक दिखा दिया जाये। हमें माफ कर दीजिये, हम ऐसी गलती नहीं करेंगे।’
लेकिन, कई बार निवेदन करने के बाद भी वे नहीं माने। अपराधियों ने कहा कि हमसे जो बडे़ हैं, उन्होंने हमें यहां भेजा है। पूछताछ के बाद दो घंटे में सभी को छोड़ देंगे। मैं भी महिलाओं के साथ जाने को तैयार हुई तो उनलोगों ने मुझे रोक दिया। जिस महिला का अपराधियों ने नाम पूछा था,- उसको अकेले आल्टो कार से और बाकी की चार महिलाओं व पुरुषों को एंबुलेंस से अगवा कर दोपहर ढाई बजे ले गये। अपराधी अगवा महिलाओं व पुरुषों को साथ लेकर साढे़ पांच बजे शाम में वापस स्कूल पहुंचे।
यह भी पढ़ेंः- माओवादी बच्चों को अगवा कर बना रहे हैं उग्रवादी, ना कहने वाली लड़कियों को देह व्यापारियों को बेच देते हैं: UN रिपोर्ट
सिस्टर रंजीता ने कहा कि अपराधियों ने मुझे अकेले बुलाकर कहा कि आप यहीं नुक्कड नाटक कराती हैं। मैं बोली-भैया माफ कर दीजिये। फिर ऐसी गलती नहीं होगी। उन्होंने मेरा मोबाइल नंबर लिया। फिर सभी का मोबाइल वापस कर दिया। सभी मोबाइल के सिम और बैटरी अलग-अलग किये हुए थे। तब तक फादर अल्फोंस आइंद भी वहां आ गये थे। उन्होंने अगवा हुए लोगों से मामले की जानकारी चाही। लेकिन अपराधियों के डर से किसी ने उनके सामने मुंह नहीं खोला।
तभी संजय शर्मा ने अपराधियों से कहा कि दादा अब हमलोग जा सकते हैं? अपराधी बोले, जाइये। फिर नुक्कड नाटक मंडली और मेरी टीम गाडी में बैठकर वहां से निकल पडी। रास्ते में मैंने अगवा महिलाओं से पूछा कि उनके साथ क्या हुआ है? उन्होंने बस इतना कहा कि अच्छा हुआ सिस्टर, आप हमलोगों के साथ नहीं गईं। घटना में घायल नुक्कड नाटक मंडली के सदस्य जगरनाथ ने मुरहू में हमें बताया कि महिलाओं के साथ बहुत गलत हुआ है। बार-बार पूछने पर पीड़ित महिलाओं ने सिर्फ इतना ही कहा कि उनके साथ गलत हुआ है। यहां बता दें कि इस घटना के मामले में अभी भी मुख्य आरोपी सहित कई आरोपियों की गिरफ्तारी नही हो सकी है। पुलिस के डर से पुरा गांव खाली पडा हुआ है। सभी लोग गांव छोडकर फरार बताये जा रहे हैं।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें।