नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम को उच्च न्यायालय ने आज गिरफ्तारी से राहत तो दी लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद सीबीआई ने उनसे हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की मांग पर जोर देते हुए कहा कि वह अब तक बचते रहे हैं और पूछताछ के दौरान उन्होंने सहयोग नहीं किया।
जांच एजेंसी ने न्यायाधीश ए के पाठक की अदालत में दाखिल किए गए एक हलफनामे में यह बात कही। अदालत ने मामले को एक अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने चिदम्बरम को 31 मई को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम राहत की अवधि भी एक अगस्त तक के लिए बढ़ा दी।
अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीबीआई का पक्ष रखते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने अपने हलफनामे में इस बात का जिक्र किया है कि ‘‘ रिकार्ड पर ठोस सामग्री ’’ होने के बावजूद चिदम्बरम ने ‘‘ बचते रहने का रास्ता चुना और जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया। इसी सामग्री के आधार पर पूर्व केंद्रीय मंत्री से सवाल किए गए थे ।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक जो सामग्री इकट्ठा की गई है, और अपराध की गंभीरता तथा गहराई को देखते हुए याचिकाकर्ता : चिदम्बरम : को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है।’’
चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका को रद्द करने की अपील करते हुए जांच एजेंसी ने कहा,‘‘ जांच एजेंसी इस नतीजे पर पहुंची है कि हिरासत में पूछताछ के बिना, आरोपों की सचाई तक पहुंचना संभव नहीं होगा क्योंकि याचिकाकर्ता ने बचने और सहयोग नहीं करने का रास्ता चुना है।’’
उच्च न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान करने के साथ ही कहा था कि जब भी जांच एजेंसी को जरूरत हो, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूछताछ में शामिल हों और जांच में सहयोग करें ।
3500 करोड़ रूपये के एयरसेल मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रूपये के आईएनएक्स मीडिय मामले में संलिप्तता को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता की भूमिका सीबीआई की जांच के घेरे में है।
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