Mukhtar Ansari: 30 साल पुराने दोनाली बंदूक मामले में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा, 2.2 लाख रुपए का जुर्माना
By राजेंद्र कुमार | Published: March 13, 2024 05:04 PM2024-03-13T17:04:36+5:302024-03-13T17:05:26+5:30
Mukhtar Ansari: वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को तीन दशक पुराने फर्जी बंदूक-लाइसेंस मामले में गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
Mukhtar Ansari: पांच बार विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी को तीन दशक पुराने दोनाली बंदूक के मामले में दोषी पाये जाने के बाद बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने उस पर 2 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. बांदा जेल में बंद मुख्तार को दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. उसे अब तक आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. मुख्तार अंसारी को जिस दोनाली बंदूक के मामले में सजा सुनाई गई है, वह बेहद ही चर्चित मामला रहा है. इस मामले के खुलासा होने पर गाजीपुर से लेकर राजधानी लखनऊ तक के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था.
यही वजह है कि इस मामले के कोर्ट में पहुंचने पर गवाही देने के लिए डीजीपी और मुख्य सचिव को वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट आना पड़ा था. इसकी वजह थी मुख्तार अंसारी द्वारा अपनी दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए की गई हेरफेर थी, जिसके चलते मुख्तार ने खुद ही तत्कालीन डीएम और एसपी के हस्ताक्षर कर असलहा बाबू गौरीशंकर श्रीवास्तव से न केवल अप्रूवल ले लिया.
बल्कि अपनी हनक के दम पर असली लाइसेंस भी हासिल कर लिया था. 33 साल पहले की गई इस हेरफेर को लेकर अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी, अवनीश गौतम की अदालत ने बुधवार को मुख्तार अंसारी को डीएम/एसपी के फर्जी हस्ताक्षर पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में सजा सुनाई है.
इस मामले में वर्ष 1990 में थाना मोहम्मदाबाद गाजीपुर में दर्ज तीन और कोतवाली गाजीपुर में दर्ज हुए मामले में चार धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई है. इसमें 420/120 बी आईपीसी में सात साल, 467/120 बी आईपीसी में आजीवन कारावास, 468/120 बी में 7 वर्ष और 30 आयुध अधिनियम में 6 माह की सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर अलग-अलग कुल 2,02,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड अदा न करने पर 1 साल 1 हफ्ते के अतिरिक्त कारावास का प्रावधान है.
इन मामलों में भी मुख्तार को हुई सजा
इससे पहले योगी सरकार की प्रभावी पैरवी के कारण कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में भी माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है. मुख्तार अंसारी को अब तक कुल आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है.
इससे पहले दिसंबर 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 26 साल पुराने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी थी.
मुख्तार पर 61 मुकदमे हैं
मुख्तार के खिलाफ वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ समेत कई अन्य जिलों में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती समेत अन्य संगीन धाराओं में कुल 61 मुकदमे दर्ज हैं. गाजीपुर डीएम ने मुख्तार अंसारी के गिरोह आईएस 191 को 14 अक्टूबर 1997 को गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किया था.
उस समय गिरोह के 22 सदस्य थे. हालांकि अब केवल 19 सदस्य शेष हैं. मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ विधायक अब्बास अंसारी पहले से जेल में हैं. उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस है. इसी मामले में मुख्तार की पत्नी अफ्शां अंसारी और साले अभी फरार चल रहा है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, नयी दिल्ली और अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले लंबित हैं। उत्तर प्रदेश में अंसारी के खिलाफ ग़ाज़ीपुर, वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, आगरा, लखनऊ, बाराबंकी, मऊ, आजमगढ़ और अन्य जिलों में मामले दर्ज हैं. अंसारी को अब तक कम से कम सात मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है.