NEET फर्जीवाड़े का भगोड़ा सरकारी डॉक्टर चढ़ा पुलिस के हत्थे, 50 हजार रुपये का इनामी था, जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 15, 2022 03:36 PM2022-03-15T15:36:13+5:302022-03-15T15:42:01+5:30
पकड़े गए डॉक्टर अफरोज ने बताया कि उसने साल 2010-11 में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था और साल 2017-18 में वह एमबीबीएस परीक्षा को पास किया था। 2019 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से डॉक्टर अफरोज अहमद का सेलेक्शन मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुआ और वर्तमान में वह लखनऊ के दाउदनगर पीएचसी और मोहनलालगंज सीएचसी में बतौर चिकित्सा अधिकारी तैनात है।
वाराणसी: NEET फर्जीवाड़े के भगोड़े सरकारी डॉक्टर को वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फरार डॉक्टर अफरोज अहमद सॉल्वर गैंग के मुख्य सदस्य था और यूपी पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का का इनामी भी घोषित किया हुआ था।
वाराणसी की सारनाथ पुलिस ने सर्विलांस सेल की मदद से डॉक्टर अफरोज अहमद को सिंहपुर बाईपास के पास से देर रात गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के वक्त आरोपी अफरोज अहमद के पास से पुलिस ने NEET परीक्षा में शामिल हुए कैंडिडेट्स के ऑरिजनल सर्टिफिकेट भी बरामद किये हैं।
पुलिस से पूछताछ में डॉक्टर अफरोज ने बताया कि उसने साल 2010-11 में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था और साल 2017-18 में वह एमबीबीएस परीक्षा को पास किया था।
उसके बाद साल 2019 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से डॉक्टर अफरोज अहमद का सेलेक्शन मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुआ और वर्तमान में वह लखनऊ के दाउदनगर पीएचसी और मोहनलालगंज सीएचसी में बतौर चिकित्सा अधिकारी तैनात है।
डॉक्टर अफरोज अहमद ने साल 2020 में डॉक्टर शिफा खान से निकाह किया जो लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में चिकित्सक के पद पर थीं। डॉक्टर अफरोज का लखनऊ में ओसामा और जेल में बंद मास्टर माइंड नीलेश के साथ साल 2018-19 में परिचय हुआ।
उसके बाद तीनों ने मिलकर NEET परीक्षा में धांधली का खेल शुरू किया। उसके बाद अफरोज साल 2021 की NEET परीक्षा में 4 कैंडिडेट को पास कराने के लिए सॉल्वर बनकर बैठा।
इसके अलावा अफरोज ने पुलिस को यह भी बताया कि वह 12 सितंबर 2021 को NEET परीक्षा वाले दिन सॉल्वर जुली और गैंग के अन्य मेंबर के पकड़े जाने के बाद नेपाल भाग गया था।
नेपाल से वापस लौटने के बाद अफरोज अलग-अलग समय में हिमांचल प्रदेश, दिल्ली और अपनी ससुराल अमेठी में छिप कर रहा। इस दौरान अफरोज इलाहाबाद हाईकोर्ट से एंटीसिपेटरी बेल पाने की भी नाकाम कोशिश की।
अफरोज ने बताया कि 2010 में उसने जो पीएमटी परीक्षा पास की ती, उसमें भी फर्जीवाड़ा था। काउंसलिंग के समय एक अज्ञात व्यक्ति ने शिकायत कर दी की अफरोज का सेलेक्शन फर्जी तरीके से सॉल्वर बैठाकर हुआ है, जिस पर जांच के बाद थाना स्वरूप नगर कानपुर में मुकदमा दर्ज हुआ था।
उस शिकायत और मुकदमे की जांच के कारण अफरोज की इंटर्नशिप भी रोक दी गई थी, मगर बाद में 2017 में मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लग जाने के बाद उसे इंटर्नशिप पूरा करने का मौका मिल गया था।