जोधपुर फेक डिग्री केसः सीएम गहलोत के करीबी कमल मेहता की 13 करोड़ की संपत्ति कुर्क, 25,000 से ज्यादा मार्कशीट का मामला
By भाषा | Published: July 21, 2020 06:30 PM2020-07-21T18:30:40+5:302020-07-21T18:30:40+5:30
ईडी ने एक बयान में कहा, “कुर्क की गई संपत्ति में 12 मकान, तीन प्लॉट, एक इमारत और जयपुर, जोधपुर और दिल्ली में स्थित 31 बीघा कृषि जमीन और बैंक खातों में पड़ी कुछ रकम शामिल है।”
नई दिल्ली/जोधपुरः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित तौर पर फर्जी डिग्री जारी करने से जुड़े धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में, जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व चेयरमैन कमल मेहता की 13 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ईडी ने एक बयान में कहा, “कुर्क की गई संपत्ति में 12 मकान, तीन प्लॉट, एक इमारत और जयपुर, जोधपुर और दिल्ली में स्थित 31 बीघा कृषि जमीन और बैंक खातों में पड़ी कुछ रकम शामिल है।” इसने कहा कि यह मामला फर्जी डिग्री और मार्कशीट जारी करने से जुड़ा हुआ है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के जयपुर कार्यालय ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत इस संबंध में अस्थायी आदेश जारी किया है और कुर्क की गई संपत्ति कुल 12.98 करोड़ की है। एजेंसी ने 2017 में मेहता और निजी विश्वविद्यालय चलाने वाले ट्रस्ट की 8.53 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
प्राथमिकी और आरोप-पत्र का संज्ञान लेने के बाद जांच शुरू की थी
एजेंसी ने मेहता और उनके सहयोगियों के खिलाफ राज्य पुलिस की जयपुर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) द्वारा दायर प्राथमिकी और आरोप-पत्र का संज्ञान लेने के बाद जांच शुरू की थी। ईडी ने कहा, “आरोपी मेहता कुशल एजुकेशन ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हैं और 2008 में उन्होंने जोधपुर में जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया था।”
एजेंसी ने आरोप लगाया, “विश्वविद्यालय के प्रमुख के तौर पर काम करते हुए, वह पैसों के लिए छात्रों को फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट जारी करने और बेचने का गिरोह चलाने में सक्रिय थे।” ईडी ने कहा कि उन्होंने फीस, फॉर्म एकत्र करने और परीक्षा का आयोजन करने के मकसद से रजिस्ट्रार के नाम से फर्जी प्राधिकरण पत्र जारी कर विश्वविद्यालय के चार राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किए।
इसने कहा कि इन राष्ट्रीय समन्वयकों के अधीन देश में विभिन्न स्थानों पर केंद्र एवं उपकेंद्र हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, “राष्ट्रीय समन्वयकों की नियुक्ति को और केंद्रों, उपकेंद्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मंजूरी नहीं मिली थी।”
राष्ट्रीय समन्वयकों के माध्यम से 22.3 करोड़ रुपये अवैध रुपये से प्राप्त किए थे
एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि “मेहता ने इन राष्ट्रीय समन्वयकों के माध्यम से 22.3 करोड़ रुपये अवैध रुपये से प्राप्त किए थे। ये राशि जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, कुशल एजुकेशन ट्रस्ट और सूर्य नगरी एजुकेशन ट्रस्ट तथा जयपुर और जोधपुर में अन्य विभिन्न संस्थाओं के नाम पर खोले गए विभिन्न बैंक खातों में जमा कराई गई थी।”
एजेंसी के मुताबिक आरोपी ने “जयपुर में समानांतर कार्यालय स्थापित किया और 2010 से 2014 के बीच विभिन्न छात्रों को 25,000 से ज्यादा डिग्री, मार्कशीट जारी की गई।” ईडी ने कहा कि वित्तीय लेन-देन का एक जटिल चक्रव्यूह रचा गया जिसके जरिए अवैध पैसा विभिन्न संस्थाओं के बैंक खाते में स्थानांतरित किया गया और कमल मेहता, उनकी पत्नी सरिता मेहता, कुशल एजुकेशन ट्रस्ट और उनकी अन्य कंपनियों के नाम पर चल-अचल संपत्तियों में निवेश किया गया।
ED has provisionally attached movable&immovable assets totalling to Rs 12.98 cr of Kamal Mehta,former Chairman of Jodhpur National University, his family members&others under provisions of PMLA in a case relating to issuance of fake degrees & mark sheets: Enforcement Directorate pic.twitter.com/Cjybr0bixC
— ANI (@ANI) July 21, 2020