बिहार में ED की बड़ी कार्रवाई: बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में जब्त किए आरोपितों के करीब 14 करोड़ 32 लाख की संपत्ति
By एस पी सिन्हा | Published: May 30, 2020 05:16 PM2020-05-30T17:16:31+5:302020-05-30T17:16:31+5:30
भागलपुर में कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय ख़ातों में न जाकर या वहां से निकालकर 'सृजन महिला विकास सहयोग समिति' नाम के एनजीओ के छह ख़ातों में ट्रांसफ़र कर दी जाती थी. 2007-08 में भागलपुर में सृजन को-ऑपरेटिव बैंक खोला गया.
पटना: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आरोपितों की करीब 14 करोड 32 लाख की संपत्ति जब्त कर ली है. ईडी की इस कार्रवाई से हड़कंप कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि ये सारी संपत्ति सृजन महिला विकास सहयोग समिति के नाम से है. इससे पहले ईडी ने बैंक अधिकारी समेत कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई ने पीएमएलए के तहत 20 फ्लैट, जमीन के 33 प्लॉट, 18 दुकानें, एक कार और बैंक खाता में रखे रुपये सहित कुल साढ़े 14 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. इसके अलावा बैंक में रखे 4.84 करोड रूपये को भी जब्त किया गया है. साथ ही नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, रांची, भागलपुर, पटना में फ्लैट को जब्त कर लिया गया है. इसके अलावा नोएडा, गाजियाबाद, भागलपुर की 18 दुकानों को भी ईडी ने अटैच किया है.
बता दें कि भागलपुर में कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय ख़ातों में न जाकर या वहां से निकालकर 'सृजन महिला विकास सहयोग समिति' नाम के एनजीओ के छह ख़ातों में ट्रांसफ़र कर दी जाती थी. 2007-08 में भागलपुर में सृजन को-ऑपरेटिव बैंक खोला गया. इसके बाद विकास के नाम पर आने वाला सरकारी पैसा इस बैंक के खाते में ट्रांसफर होता था और इसके बाद यह पैसा यहां से निकालकर बाजार में पहुंचाया जाता था. इस पैसे को खपाने के लिए कई एनजीओ भी बने. बताया जाता है कि इन एनजीओ के नाम पर अधिकारियों ने ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदला और करोडों रुपये का घोटाला किया. इस मामले में तत्काली डीएम वीरेन्द्र यादव पर भी चार्जशीट किया गया था.