धनबाद जज केसः जानबूझकर मारा गया था न्यायाधीश उत्तम आनंद को धक्का, सीबीआई को अहम जानकारी हासिल, जानें हर अपडेट
By एस पी सिन्हा | Published: March 29, 2022 04:04 PM2022-03-29T16:04:52+5:302022-03-29T16:06:13+5:30
Dhanbad judge case: अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेल में बंद ऑटो चालक लखन कुमार वर्मा व उसके सहयोगी राहुल कुमार वर्मा की पेशी कराई गई.
धनबादः झारखंड में धनबाद के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद के मौत मामले में अब सीबीआई को अहम जानकारी हासिल हुई है. सीबीआई ने अदालत को बताया है कि जज साहब को जान-बुझकर धक्का मारा गया है.
उन्होंने अदालत को बताया कि वह क्राइम सीन रिक्रिएशन में शामिल थे. वह क्राइम सीन पर दो बार गये थे. साइकोलॉजिकल असेसमेंट के तहत उन्होंने क्राइम सीन की रिपोर्ट पर सिग्नेचर किया. इस मामले की सुनवाई सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश तृतीय रजनीकांत पाठक की अदालत में हुई.
अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेल में बंद ऑटो चालक लखन कुमार वर्मा व उसके सहयोगी राहुल कुमार वर्मा की पेशी कराई गई. अभियोजन की ओर से सीबीआई के लोक अभियोजक ने साक्षी सीएफएसएल के प्रिंसिपल साइंटिस्ट अमोद कुमार सिंह की गवाही कराई. वहीं, गोविंदपुर स्थित सिटी फ्यूलस नामक पेट्रोल पंप के दो कर्मचारियों की भी गवाही दिलाई गई है.
इनमें से एक गवाह शमशेर अली अंसारी ने अदालत में उपस्थित लखन वर्मा की पहचान ऑटो चालक के रूप में की है. अदालत को दिये गये बयान में उन्होंने कहा था कि उसकी ड्यूटी 27 जुलाई 2021 को शाम 6:30 से 28 जुलाई 2021 की सुबह 6:30 बजे तक पेट्रोल पंप पर थी. उसकी पाली समाप्त होने से पूर्व ही सुबह एक ऑटो आया, जिसमें उसने डीजल डाला था.
उल्लेखनीय कि झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में व्हाट्सऐप के भारत प्रमुख को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ रविरंजन और न्यायनूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने दिया है. क्योंकि सीबीआई की तरफ से बताया गया है कि जांच के दौरान एक व्हाट्सऐप चैट की जानकारी मिली है. पूरी चैटिंग मिलने के बाद अनुसंधान में मदद मिलेगी.