शादी का सच्चा वादा कर शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार नहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने की टिप्पणी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 8, 2022 02:32 PM2022-04-08T14:32:16+5:302022-04-08T14:33:16+5:30
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसके तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एन) के अंतर्गत व्यक्ति पर महिला को शादी का झांसा देकर उसका बलात्कार करने का आरोप तय किया गया था।
नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि शादी का सच्चा वादा कर यदि यौन संबंध बनाया जाता है और बाद में किसी कारण से शादी नहीं हो पाती तो इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता। अदालत ने यह टिप्पणी एक मामले की सुनवाई के दौरान की जिसमें एक व्यक्ति और एक महिला लंबे समय तक संबंध में थे और उनकी सगाई भी हो गई थी, लेकिन किसी कारण से शादी नहीं हो सकी तथा रिश्ता टूट गया।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसके तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एन) के अंतर्गत व्यक्ति पर महिला को शादी का झांसा देकर उसका बलात्कार करने का आरोप तय किया गया था।
फैसले में जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष के अनुसार भी, याचिकाकर्ता ने तीन महीने तक लड़की के माता-पिता को उससे शादी करने की अनुमति देने के लिए समझाया और शारीरिक संबंध स्थापित करने के लिए महिला की सहमति गलत धारणा या डर पर आधारित नहीं थी।
धारदार हथियार से पत्नी की हत्या करने के बाद पति फरार
राजस्थान के बूंदी जिले में नैनवा पुलिस थानांतर्गत पाई गांव में 26 वर्षीय एक महिला की उसके पति ने धारदार हथियार से कथित तौर पर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि महिला पर जब हमला किया गया तब वह अपने घर में सो रही थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी फरार है।
नैनवा पुलिस थाने के प्रभारी सुरेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि मृतक महिला का नाम मौसमीबाई मीणा था और उसके गले पर घाव के कई निशान पाए गए हैं। थाना प्रभारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि महिला के पति विमल मीणा ने धारदार हथियार से उस पर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि हत्या के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है।