बम्बल डेटिंग ऐप के जरिये महिला से दोस्ती गांठने के बाद रेप करने वाले आरोपी को दिल्ली की कोर्ट ने दी जमानत, जानिए कोर्ट ने क्या कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 22, 2024 11:56 AM2024-02-22T11:56:47+5:302024-02-22T12:01:25+5:30
दिल्ली की एक अदालत ने बम्बल डेटिंग ऐप पर मिलने के बाद शादी का झांसा देकर महिला से बलात्कार करने के आरोपी व्यक्ति को बीते बुधवार को नियमित जमानत दे दी।
नई दिल्ली:दिल्ली की एक अदालत ने बम्बल डेटिंग ऐप पर मिलने के बाद शादी का झांसा देकर महिला से बलात्कार करने के आरोपी व्यक्ति को बीते बुधवार को नियमित जमानत दे दी। आरोपी को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ केस में आरोप पत्र उस समय दाखिल किया गया है जब आरोपी अपनी बहन की शादी के लिए अंतरिम जमानत पर था।
समाचार वेबसाइट फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार आरोपी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 25 जनवरी 2024 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था और अदालत ने उसी पर संज्ञान लिया है। यह मामला 10 दिसंबर 2023 को थाना साकेत में दर्ज किया गया था और पुलिस ने आरोपी को 16 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया था।
उसक बाद कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद आरोपी को 8 जनवरी 2024 को अंतरिम जमानत दी थी। दिल्ली कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील गुप्ता ने आरोपी गौतम कुमार को एक लाख रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि की दो और जमानत राशि कोर्ट में जमा कराने पर नियमित जमानत दे दी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह स्थापित कानून है कि केवल इसलिए कि आरोपी अंतरिम जमानत पर बाहर था, वह नियमित जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है। वहीं अभियोजन पक्ष या शिकायतकर्ता को ओर से भी कोई आशंका नहीं जताई गई है कि आवेदक गवाहों को प्रभावित कर सकता है या धमकी दे सकता है। इसलिए आरोपी को फिर से हिरासत में भेजना न्याय के हित में नहीं होगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने जमानत देते समय शिकायतकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया कि 8 जनवरी, 2024 को उसकी अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के समय उसके रिश्तेदारों द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद आरोपी ने पीड़िता से शादी नहीं की। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के वर्तमान आवेदन को निपटाते समय इन बातों को ध्यान में नहीं रखा जा सकता है।
अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि आवेदक के हिरासत से बाहर होने के कारण मुकदमे में बाधा न आए, उस पर कई तरह की शर्तें लगाई जा सकती हैं। मामले में आरोपी के वकील ने कहा कि वह शिकायतकर्ता से डेटिंग ऐप बम्बल के जरिए मिला था लेकिन आरोपी की ओर से शिकायतकर्ता से शादी का कोई वादा नहीं किया गया था।
वकील ने कहा कि ऐसे डेटिंग ऐप्स से शुरू होने वाले रिश्तों में ऐसे किसी वादे की उम्मीद नहीं की जा सकती। वकील ने तर्क दिया, "दोनों पक्षों के बीच सहमति की शारीरिक संबंध बना था और आवेदक की ओर से शादी के कथित झूठे वादे के आधार पर शिकायतकर्ता की सहमति को ख़राब नहीं माना जा सकता है।"
इसके साथ आरोपी के वकील ने यह भी तर्क दिया गया कि शिकायतकर्ता ने पहले बिलाल अहमद नामक व्यक्ति के खिलाफ दिल्ली में बलात्कार और यूपी में जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दो एफआईआर दर्ज कराई है।
वहीं शिकायतकर्ता ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कोर्ट से कहा कि उसने 8 जनवरी, 2024 को आवेदक को उसके रिश्तेदारों के अनुरोध पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए अपनी सहमति दी थी, जिन्होंने उसे आश्वासन दिया था कि आवेदक उससे शादी करेगा, लेकिन रिहा होने के बाद उसने ऐसा नहीं किया। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि बिलाल अहमद के खिलाफ पहले दर्ज की गई बलात्कार की एफआईआर में उनके चरित्र के बारे में कुछ भी नहीं दिखाया गया है।