बिहार में पूर्वोत्तर राज्यों से एके-47 जैसी घातक हथियारों की बड़े पैमाने पर हो रही है तस्करी, NIA रैकेट के भंडाफोड़ में जुटी

By एस पी सिन्हा | Updated: September 14, 2025 16:59 IST2025-09-14T16:59:45+5:302025-09-14T16:59:52+5:30

म्यांमार के रास्ते इनकी बड़े पैमाने पर तस्करी की जाती है, जिनकी वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण के अलावा अन्य जिलों में खरीब-बिक्री हो रही। इन्हीं जिलों में बड़े नेटवर्क का खुलासा किया गया। बिहार पुलिस की जांच बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

Deadly weapons like AK-47 are being smuggled on a large scale from North-Eastern states to Bihar, NIA is busy in busting the racket | बिहार में पूर्वोत्तर राज्यों से एके-47 जैसी घातक हथियारों की बड़े पैमाने पर हो रही है तस्करी, NIA रैकेट के भंडाफोड़ में जुटी

बिहार में पूर्वोत्तर राज्यों से एके-47 जैसी घातक हथियारों की बड़े पैमाने पर हो रही है तस्करी, NIA रैकेट के भंडाफोड़ में जुटी

पटना: बिहार में हथियारों की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। ऐसे में बिहार पुलिस और एनआईए की संयुक्त जांच में सामने आया है कि पूर्वोत्तर राज्यों से एके-47 जैसी घातक हथियारों की बड़े पैमाने पर तस्करी बिहार में हो रही है, नागालैंड इनमें टॉप पर है। बिहार पुलिस ने खुलासा किया है कि पूर्वोत्तर राज्यों से बिहार में सबसे ज्यादा एके-47 की सप्लाई की जा रही है। खासकर नागालैंड से हथियार मंगाए जा रहे हैं। इसमें म्यांमार के रास्ते इनकी बड़े पैमाने पर तस्करी की जाती है, जिनकी वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण के अलावा अन्य जिलों में खरीब-बिक्री हो रही। इन्हीं जिलों में बड़े नेटवर्क का खुलासा किया गया। बिहार पुलिस की जांच बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

दरअसल, मई 2024 में मुजफ्फरपुर से दो युवकों की गिरफ्तारी के बाद इस बड़े नेटवर्क से पर्दा उठा था। इस मामले में जांच की कमान एनआईए को सौंपी गई थी। जिसके बाद नागालैंड से मंजूर खान को पकड़ा गया था। चार आरोपितों पर चार्जशीट भी दर्ज की गई है। जांच में पता चला कि विकास ने गोपालगंज के अहमद अंसारी से यह हथियार खरीदा था जो नागालैंड के दीमापुर से सप्लाई होता था। तीन दिन बाद अंसारी को दीमापुर से पकड़ा गया, उसके पास मोबाइल और वॉकी-टॉकी भी मिले। 

एनआईए ने अगस्त 2024 में केस अपने हाथ में लिया और हाल ही में 29 अगस्त को मंजूर खान उर्फ बाबू भाई को गिरफ्तार किया। मंजूर विकास का करीबी था जो नागालैंड से एके-47 और गोलियों की तस्करी में मुख्य सूत्रधार था। एनआईए के अनुसार, ये हथियार म्यांमार के रास्ते आते हैं, जहां एके-47 महज 17 हजार रुपये में मिल जाती है, लेकिन बिहार पहुंचने पर 7 लाख तक बिकती है। वहीं, अप्रैल में बिहार एसटीएफ ने भोजपुर के आरा में कुख्यात बुटन चौधरी के घर पर छापा मारा, जहां से एक एके-47 के साथ हैंड ग्रेनेड बरामद हुए थे। 

इसी जिले के शाहपुर नगर में 13 जुलाई को एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दो अपराधियों पंकज राय उर्फ सत्यजीत राय और अंकित कुमार को पकड़ा गया। उनके घरों से एक लोडेड एके-47, देसी बंदूकें, पिस्टल, रिवॉल्वर, 76 कारतूस, पांच मैगजीन और तीन फोन जब्त किए गए थे। पंकज जमीन के कारोबार से जुड़ा बताया जाता है, लेकिन दोनों का अंतरराज्यीय गिरोह से कनेक्शन संदिग्ध है। पुलिस को शक है कि ये हथियार भी नागालैंड के ही रूट से आए थे। 

पूर्वी चंपारण और वैशाली में भी ऐसी खरीद-फरोख्त की खबरें मिल रही हैं। यह खुलासा होने के बाद बिहार की कानून-व्यवस्था के लिए चेतावनी के रूप में देखा जाने लगा है। एनआईए की जांच जारी है, जिसमें चीन और म्यांमार के रूट की गहराई से हड़ताल हो रही है। हथियार तस्करों का मकसद सार्वजनिक शांति भंग करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना है। 

बिहार पुलिस ने अब सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। लेकिन जानकारों का कहना है कि पूर्वोत्तर से आने वाले रूट को पूरी तरह सील करना चुनौतीपूर्ण है। अगर यह नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त हो गया तभी अपराध दर में कमी आ सकती है। फिलहाल, जांच एजेंसियां अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुटी हैं। इस संबंध में एडीजी(कानून-व्यवस्था) पंकज दराद ने कहा कि पुलिस की पैनी नजर है। तस्करी के मामले में लगातार खुलासे किए जा रही है।

Web Title: Deadly weapons like AK-47 are being smuggled on a large scale from North-Eastern states to Bihar, NIA is busy in busting the racket

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे