Cyber Fraud: नए तरीकों से की जा रही है ठगी, बिना OTP शेयर करे बैंक खाते से गायब हुए लाखों रुपए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 13, 2022 05:03 PM2022-12-13T17:03:50+5:302022-12-13T17:03:50+5:30

लोगों को ठगने का एक नया तरीका, सिर्फ मिस्ड कॉल के जरिए दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति ने 50 लाख रुपये से हाथ धो दिया।

Cyber Fraud Lakhs of rupees disappeared from bank account without sharing OTP | Cyber Fraud: नए तरीकों से की जा रही है ठगी, बिना OTP शेयर करे बैंक खाते से गायब हुए लाखों रुपए

Cyber Fraud: नए तरीकों से की जा रही है ठगी, बिना OTP शेयर करे बैंक खाते से गायब हुए लाखों रुपए

Highlightsसाइबर अपराधियों ने शुरु किया लोगों को लूटने का नया तरीका।बिना ओटीपी या किसी लिंक के खाते से उड़ाए 50 लाख रुपये।'सिम स्वैप फ्रॉड' के जरिए दिया लूट को अंजाम।

नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी बढ़ने के साथ-साथ साइबर फ्रॉड की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है, अपराधी भी फ्रॉड करने के नए नए तरीके खोज रहे हैं। हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली का मामला सामने आया है, जहां एक सिक्योरिटी सर्विस के डायरेक्टर से 50 लाख रुपए की ठगी हुई है। यहां गजब की बात यह है कि इस बार न ही कोई ओटीपी मांगा गया न ही कोई लिंक भेजी गई , बस मिस्ड कॉल आया और सारे बैंक खातों से रुपए गायब होने का एक मैसेज मिला। 

कैसे दिया घटना को अंजाम

रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित को कुछ समय पहले शाम 7 बजे से 8.45 बजे तक कई ब्लैंक और मिस कॉल्स आईं। वो दो-तीन बार फोन उठाते भी हैं लेकिन दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आई। पीड़ित का कहना है कि ये सिलसिला करीब एक घंटे तक चलता रहा, लेकिन उसके बाद जब वो अपने फोन पर आए मैसेज देखते हैं तो उनके होश उड़ जाते हैं। उनके अकाउंट से करीब 50 लाख 63 हजार गायब हो चुके थे। इस केस को फाइल कर लिया गया है। शुरुआती जांच से माना जा रहा है कि इस ठगी को जामताड़ा से अंजाम दिया गया है, और इस ठगी के लिए सिम स्वैप का तरीका अपनाया गया होगा। 

क्या है सिम स्वैप फ्रॉड?

सिम स्वैप फ्रॉड या सिम स्विच फ्रॉड तब होता है, जब फ्रॉडर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और वेरिफिकेशन में खामियों का फायदा उठाकर व्यक्ति के अकाउंट तक पहुंचने के लिए आपके फोन नंबर का इस्तेमाल करते हैं।  सिम स्विचिंग के लिए,ठग आपके मोबाइल फोन के सिम प्रोवाइडर से संपर्क करते हैं और उन्हें अपना सिम कार्ड सक्रिय करने के लिए मनाते हैं। एक बार धोखाधड़ी वाला सिम एक्टिव हो जाने के बाद, ठग के पास पीड़ित के फोन नंबर पर कंट्रोल होता है और वे कंट्रोल कॉल या टेक्स्ट प्राप्त कर सकते हैं और उनका इस्तेमाल कर आसानी से बैंक अकाउंट में सेंध लगाने के लिए किया जा सकता है। 

Web Title: Cyber Fraud Lakhs of rupees disappeared from bank account without sharing OTP

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