Cryptocurrency fraud: पूर्व आईपीएस पाटिल और साइबर विशेषज्ञ पंकज के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल, जानें क्या है पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 7, 2022 04:37 PM2022-06-07T16:37:28+5:302022-06-07T16:40:15+5:30
Cryptocurrency fraud: मार्च 2022 में महाराष्ट्र में पुलिस ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी रवींद्र पाटिल और साइबर विशेषज्ञ पंकज घोडे को गिरफ्तार किया था।
Cryptocurrency fraud: पुणे पुलिस ने एक पूर्व आईपीएस अधिकारी और एक साइबर विशेषज्ञ के खिलाफ करोड़ों रुपये की कथित क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के सिलसिले में यहां की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मार्च 2022 में महाराष्ट्र में पुलिस ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी रवींद्र पाटिल और साइबर विशेषज्ञ पंकज घोडे को गिरफ्तार किया था। पुलिस क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के मामलों को सुलझाने में मदद करने के लिए इनकी सेवा ले रही थी।
पुलिस ने बताया कि दोनों ने हालांकि ‘डिजिटल वॉलेट’ से अपने खातों में करोड़ों रुपये का गलत तरीके से अंतरण कर जांचकर्ताओं को कथित तौर पर धोखा दिया। शिवाजीनगर साइबर थाने के निरीक्षक अंकुश चिंतामन ने कहा, “हमने सोमवार को यहां एक अदालत में पाटिल और घोडे के खिलाफ 4,400 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया।”
भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले पाटिल और घोडे को पुणे पुलिस ने 2018 में दर्ज दो क्रिप्टोकरेंसी मामलों की जांच के लिए नियुक्त किया था क्योंकि डिजिटल मुद्रा का मामला तकनीकी था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि जांच के दौरान पाटिल ने अपने खाते में कुछ क्रिप्टोकरेंसी अंतरण किया और घोडे ने आंकड़ों में हेराफेरी करके पुलिस को खातों के स्क्रीनशॉट उपलब्ध कराए।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच के दौरान पाटिल और घोडे की भूमिका का खुलासा हुआ। पुलिस ने कहा था कि दोनों ने तकनीकी विश्लेषण के लिए पुलिस द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों का कथित तौर पर अपने फायदे के वास्ते इस्तेमाल किया। मामले की जांच के अनुसार, घोडे ने ‘क्रिप्टो वॉलेट’ में कम राशि दिखाते हुए स्क्रीनशॉट में हेरफेर किया और उन्हें पुलिस को सौंप दिया। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे ‘डिजिटल वॉलेट’ में रखा जाता है। भ